ईरान ने अमेरिका के साथ संवाद की किसी भी संभावना को खारिज किया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा है कि अमेरिका अपने हर वादे तोड़ता है और ऐसे पक्ष के साथ वार्ता नहीं की जा सकती है. खामेनेई ने कहा है कि अमेरिका किए गए वादों पर मुकर जाता है, झूठ बोलता है और धमकियां देता रहता है.
अमेरिका ने कुछ ही महीने पहले ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर हमला किया था और उन्हें नष्ट कर दिया था.
ख़ामेनेई ने कहा, "जिस पक्ष का हम सामना कर रहे हैं (अमेरिका) वह हर मामले में अपने वादे तोड़ता है. वे झूठ बोलते हैं, सैन्य धमकियां देते हैं, लोगों की हत्या करते हैं और परमाणु प्रतिष्ठानों पर बमबारी करते हैं. हम ऐसे पक्ष के साथ बातचीत और समझौते नहीं कर सकते."
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने कहा है कि अमेरिका के साथ बातचीत तेहरान के हितों की पूर्ति नहीं करेगी और एक गतिरोध साबित होगी.
परमाणु बम चाहिए नहीं, लेकिन यूरेनियम एनरिचमेंट रोकेंगे नहीं
खामेनेई ने यह भी कहा कि ईरान यूरेनियम संवर्धन के संबंध में "दबाव के आगे नहीं झुकेगा" और उन्होंने तेहरान के लंबे समय से चले आ रहे आधिकारिक रुख को दोहराया कि उसे परमाणु हथियारों की आवश्यकता नहीं है और न ही उनका उत्पादन करने का कोई इरादा है.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
इसके जवाब में खामेनेई ने कहा कि ईरान यूरेनियम एनरिचमेंट करना बंद नहीं करेगा. खामेनेई ने तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, 'जो भी हमें न्यूक्लियर एनरिचमेंट करने से रोकने का दबाव डालेगा उसे ईरान की जनता करारा तमाचा मारेगी.'
उन्होंने कहा कि हमारी मौजूदा स्थिति में अमेरिका के साथ बातचीत और वार्ता निश्चित रूप से कोई फायदा नहीं पहुंचाएगी और देश को होने वाले किसी भी नुकसान को नहीं रोक पाएगी. बल्कि इससे देश को सिर्फ़ नुकसान ही होगा.
खामेनेई ने अमेरिकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि, 'वे आए और इधर-उधर ईरानी यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटीज पर बमबारी की. लेकिन एनरिचमेंट एक विज्ञान है, और विज्ञान को नष्ट नहीं किया जा सकता. विज्ञान को बमों, धमकियों और ऐसी ही चीजों से खत्म नहीं किया जा सकता.
कोई भी सम्माननीय राष्ट्र स्वीकार नहीं करेगा
ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा कि मौजूदा हालात में अमेरिका के साथ बातचीत नुकसानदेह है. अमेरिका चाहता है कि हमारे पास मध्यम दूरी की मिसाइलें समेत कोई भी मिसाइल न हो. उन्होंने कहा कि धमकियों के बीच बातचीत स्वीकार करने का मतलब है कि हम दबाव के आगे झुक रहे हैं, कोई भी सम्माननीय राष्ट्र इसे स्वीकार नहीं करेगा.
खामेनेई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और यूरोपीय देश तेहरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं. ईरानी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में भी यह स्पष्ट किया है कि ईरान को कभी परमाणु हथियार नहीं चाहिए थे. उन्होंने कहा कि उनके देश ने 'कभी भी परमाणु हथियार नहीं चाहे थे और न कभी चाहेगा.'
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने कहा, "हम परमाणु हथियार नहीं चाहते."
इस वर्ष जून में इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों की जंग के बाद किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहली बार ईरान के राष्ट्रपति का बयान आया है.