scorecardresearch
 

19 साल से हिंसा की आग में झुलस रहे अफगानिस्तान में शांति बहाली की कोशिश, कतर में तालिबान से वार्ता

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि अफगानिस्तान में शांति बहाली की कोई भी कोशिश अफगानिस्तान के नेतृत्व और नियंत्रण में रहनी चाहिए.

Advertisement
X
दोहा में चल रही अफगानिस्तान शांति वार्ता (फोटो-पीटीआई)
दोहा में चल रही अफगानिस्तान शांति वार्ता (फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दोहा में अफगान-तालिबान शांति वार्ता
  • 19 साल से हिंसा की आग में झुलस रहा है अफगानिस्तान
  • शांति बहाली की कोशिश में अफगानिस्तान

कतर की राजधानी दोहा में ऐतिहासिक अफगान-तालिबान शांति वार्ता चल रही है. भारत समेत दुनिया के कई ताकतवर मुल्क इस शांति वार्ता में इस उम्मीद के साथ शिरकत कर रहे हैं कि 19 साल से हिंसा की आग में झुलस रहे अफगानिस्तान में शांति कायम की जा सके. 

भारत की ओर से इस शांति वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि अफगानिस्तान में शांति बहाली की कोई भी कोशिश अफगानिस्तान के नेतृत्व और नियंत्रण में रहनी चाहिए. 

भारत ने इस वार्ता में पाकिस्तान और चीन के द्वारा अफगानिस्तान में पैठ जमाने की सारी कोशिशों को दो टूक खारिज करते हुए कहा है कि कोई भी शांति समझौता अफगानिस्तान की संभ्रुपता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करे. 

भारत ने कहा कि इस समझौते में अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों, महिलाओं और दूसरे संवेदनशील समूहों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. 

भारत ने कहा कि इसके अलावा अफगानिस्तान अंदर और इसके पड़ोस में पनप रहे हिंसा के स्रोतों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. 

बता दें कि कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद अब्दुल रहमान बिन जासिम अल थानी के बुलावे पर भारत इस शांति वार्ता में शामिल हो रहा है. विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध सदियों पुराने रहे हैं और दोनों देशों की दोस्ती वक्त की कसौटी पर खरी उतरी है. विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में भारत द्वारा तैयार किए गए विकास के 400 प्रोजेक्ट का जिक्र किया. 

Advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर जहां इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से मौजूद थे, वहीं विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल  दोहा में शिरकत कर रहा है. इस बैठक में भारत के अलावा, पाकिस्तान, चीन, अमेरिका शिरकत कर रहे हैं. 

Advertisement
Advertisement