scorecardresearch
 

नेपाल: नाकेबंदी के चलते संकट में भारतीय कंपनियां

मधेसियों के आंदोलन के चलते तीन महीने से प्रमुख भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे डाबर, यूनीलीवर और आईटीसी इंडिया की सहयोगी कंपनियां अपनी क्षमता से नीचे परिचालन कर रही हैं.

Advertisement
X

नेपाल के नए संविधान के खिलाफ भारतीय मूल के मधेसियों की ओर से भारत-नेपाल सीमा पर प्रमुख व्यापार मार्गों पर नाकेबंदी के चलते इस देश में प्रमुख भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों के राजस्व में भारी गिरावट आई है.

मधेसियों के आंदोलन के चलते तीन महीने से प्रमुख भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे डाबर, यूनीलीवर और आईटीसी इंडिया की सहयोगी कंपनियां अपनी क्षमता से नीचे परिचालन कर रही हैं. उनका स्टॉक घट रहा है और इन्हें अपने उत्पादों का निर्यात करने में मुश्किलें आ रही हैं.

90 के दशक से नेपाल में हैं ये कंपनियां
डाबर, यूनीलीवर और आईटीसी इंडिया उन पहली भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से हैं जिन्होंने नेपाल में 90 के दशक में आर्थिक उदारवाद अपनाए जाने के बाद वहां अपने संयंत्र लगाए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी मैदान विशेषकर मोरंग-सुनसारी और बारा-परसा औद्योगिक गलियारे इस आंदोलन से प्रभावित हुए हैं.

Advertisement

डाबर ने बृहस्पतिवार को बंबई शेयर बाजार को बताया कि नेपाल में उसके संयंत्र से आपूर्ति बाधित होने के चलते जूस की बिक्री अक्टूबर-नवंबर में 10-15 प्रतिशत कम रहने की संभावना जताई है. जब से तराई में अशांति शुरू हुई है, डाबर नेपाल का बीरगंज स्थित संयंत्र केवल घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी कर रहा है.

लगभग हर कंपनी का एक जैसा हाल
डाबर नेपाल के मार्केटिंग प्रमुख अभय गोरखली ने कहा, ‘हमारी कंपनी में स्थिति अन्य उद्योगों से कोई भिन्न नहीं है.’ यूनीलीवर नेपाल की भी कमोबेश यही कहानी है. इसी तरह, आईटीसी इंडिया की सहयोगी सूर्या नेपाल ने भी बताया कि वह अपनी स्थापित क्षमता का महज 30 प्रतिशत परिचालन कर रही है.

- इनपुट भाषा

Advertisement
Advertisement