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पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक की कार का पीछा कर डराने की कोशिश, घर पर ISI की नजर

पाकिस्तान में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ने भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर कार और बाइक के साथ कई लोगों की तैनाती की है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

  • गौरव अहलूवालिया को आईएसआई ने किया परेशान
  • घर के बाहर कार और बाइक के साथ कई लोग तैनात

इस्लामाबाद में तैनात शीर्ष भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के जरिए परेशान किए जाने का मामला सामने आया है. इसके लिए आईएसआई ने उनके घर के बाहर कई लोगों की तैनाती की है.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी उच्चायोग के ड्राइवर को भी भारत छोड़ने का आदेश, जासूसी का आरोप

पाकिस्तान में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर कार और बाइक के साथ कई लोगों की तैनाती की है. इसके साथ ही गौरव अहलूवालिया को डराने की कोशिश भी की जा रही है. वहीं बाइक के जरिए गौरव अहलूवालिया का पीछा भी किया गया.

मामला दो जून का है, जब पाकिस्तान में भारत के डिप्टी चीफ गौरव अहलूवालिया से बदसलूकी की गई. जानकारी के मुताबिक जब अहलूवालिया अपने घर से बाहर निकल रहे थे, तभी वहां आईएसआई के लोग कार और बाइक के साथ खड़े थे और बाद में उनका पीछा भी करने लगे. बता दें कि भारतीय राजनयिकों को परेशान करने का आईएसआई का ये पुराना पैंतरा है.

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पहले भी कर चुके हैं परेशान

ये पहला ऐसा मामला नहीं है जब इस्लामाबाद में तैनात शीर्ष भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को परेशान किया गया हो. इससे पहले भी कई बार भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को परेशान किए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: कुलभूषण जाधव से मिले डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया

पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को आईएसआई इससे पहले भी कई बार परेशान कर चुकी है. पहले भी कई बार आईएसआई के लोगों के जरिए बाइक और कार से अहलूवालिया का पीछा किया जा चुका है. इस्लामाबाद में स्थित भारतीय मिशन इसको लेकर चिंता भी जता चुका है.

पाकिस्तानी उच्चायोग के अफसर पकड़े गए

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है. जानकारी के मुताबिक मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट (MIU) को इनपुट मिले थे कि पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद और ताहिर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाते थे. खुद को इंडियन बताकर पहले उनसे दोस्ती करते, और फिर उन्हें अपने झांसे में लेने की कोशिश करते ताकि उनसे खुफिया जानकारी हासिल की जा सके.

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