पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन के वीगर मुसलमानों पर आंख मूंदते हुए भारत पर फिर से निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं. इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे का भी जिक्र किया है और कहा है कि जब तक परमाणु-संपन्न भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बनी रहेगी.
इमरान खान ने सीएनएन के पत्रकार फरीद जकारिया को दिए एक इंटरव्यू में चीन के वीगर मुसलमानों पर चीन का पक्ष लेते हुए कहा कि पश्चिम का मीडिया शिनजियांग के वीगर मुसलमानों की सही कहानी नहीं दिखाता है.
इमरान खान से सवाल किया गया कि वो कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति पर तो काफी बातें करते हैं लेकिन शिनजियांग को लेकर वो चुप क्यों रहते हैं?
जवाब में इमरान खान ने कहा, 'कश्मीर में मुस्लिमों के साथ जो हो रहा है, उसकी तुलना हम चीन के शिनजियांग से नहीं कर सकते. शिनजियांग को लेकर सच जानने का मेरा एक ही स्रोत है- चीन में पाकिस्तान के राजदूत. कश्मीर में जो हो रहा है, वो अपराध है. पश्चिम का मीडिया कुछ और कह रहा है जबकि चीन कुछ और कहता है. ऐसे में हम किस पर भरोसा करें? इसीलिए मैं अपने राजदूत मोइनुल हक से जानकारी लेता हूं. मेरे राजदूत पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.'
कश्मीर मुद्दे पर युद्ध की चेतावनी
इमरान खान ने कहा कि शिनजियांग और कश्मीर में तुलना ही गलत है. उन्होंने कहा, 'कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच एक विवादित क्षेत्र है और भारत पर आरएसएस की विचारधारा का शासन है. भारत एक त्रासदी झेल रहा है. आरएसएस की विचारधारा ने भारत को अपने कब्जे में ले लिया है. इनकी विचारधारा नफरत, नस्लीय श्रेष्ठता, अल्पसंख्यकों, मुसलमानों, ईसाइयों और पाकिस्तान के प्रति घृणा की विचारधारा है- इससे कैसे निपटा जा सकता है.'
इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तब तक दोनों परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध की आशंका बनी रहेगी.'
चीन का आंख मुंद कर समर्थन कर रहा पाकिस्तान
चीन में वीगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देश अक्सर चीन की आलोचना करते रहते हैं. मुसलमानों पर अत्याचार की रिपोर्ट्स लगातार सामने आती रहती हैं जिसे लेकर चीन पश्चिम के निशाने पर रहता है.
लेकिन खुद को इस्लाम का कस्टोडियन बताने वाले पाकिस्तान ने चीन के इस अत्याचार पर अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए आंखें मूंद रखी है. पाकिस्तान की आर्थिक और राजनयिक निर्भरता चीन पर बढ़ती जा रही है. ऐसे में पाकिस्तान के पास वीगर मुसलमानों के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
शिनजियांग में चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप के खिलाफ चीन को पाकिस्तान का समर्थन ऐसे समय में आया है जब हाल ही में कई वैश्विक समूहों ने देश में मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया था.
इमरान खान बीजिंग ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए चार दिवसीय चीन यात्रा पर गए थे. इस दौरान इमरान खान ने चीन की वन चाइना पॉलिसी और दक्षिण चीन सागर से संबंधित मुद्दों पर चीन का समर्थन किया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद जारी एक साझा बयान में कहा गया, 'पाकिस्तान ने ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन के लिए वन चाइना पॉलिसी के समर्थन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.'
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़े हमले
पाकिस्तान भले ही भारत पर आरोप लगाता हो कि यहां अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं लेकिन उसके खुद के देश में भी अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं. पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदाय के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आती रही हैं.
पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई, अहमदिया और शिया जैसे अल्पसंख्यकों को अक्सर परेशान किया जाता है. देश के विवादित ईशनिंदा कानून के तहत कई अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है.