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'राफा पर अपना हमला रोके इजरायल', फिलिस्तीनियों पर अकाल के खतरे के बीच ICJ का अहम फैसला

इजरायल ने मामले में नरसंहार के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया और कोर्ट में कहा कि गाजा में उसके ऑपरेशन आत्म-रक्षा के लिए हैं और हमास आतंकवादियों को टारगेट कर रहे हैं जिन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था.

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ICJ ने इजरायल से राफा पर हमला रोकने को कहा
ICJ ने इजरायल से राफा पर हमला रोकने को कहा

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत के जजों ने शुक्रवार को इजरायल को दक्षिणी गाजा शहर राफा पर अपने सैन्य हमले को रोकने का आदेश दिया. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने एक फैसले में कहा, 'मार्च में कोर्ट की ओर से आदेशित अस्थायी उपाय अब पूरी तरह घिर चुके फिलिस्तीनी क्षेत्र की स्थिति के लिए काफी नहीं हैं और हालात अब एक नए इमरजेंसी ऑर्डर के लायक हो गए हैं.'

दक्षिण अफ्रीका ने कोर्ट में की हमला रोकने की मांग
 
कोर्ट ने कहा कि इजरायल को राफा में अपना सैन्य हमला तुरंत रोकना चाहिए. प्रिटोरिया की ओर से इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाए जाने के मामले में समाधान की मांग किए जाने के एक हफ्ते बाद, कोर्ट ने इजरायल को राफा में अपना हमला रोकने का आदेश दिया और दक्षिण अफ्रीका के अनुरोध का समर्थन किया.

इजरायल ने मामले में नरसंहार के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया और कोर्ट में कहा कि गाजा में उसके ऑपरेशन आत्म-रक्षा के लिए हैं और हमास के आतंकवादियों को टारगेट करते हैं जिन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था.

'इजरायल को नहीं रोक सकती दुनिया की कोई ताकत'

इजरायली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'दुनिया की कोई भी ताकत इजरायल को अपने नागरिकों की रक्षा करने और गाजा में हमास को निशाना बनाने से नहीं रोक सकती'. इजरायल ने इस महीने दक्षिणी शहर राफा पर हमला किया था जिसके चलते हजारों फिलिस्तीनियों को शहर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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गाजा के दक्षिणी किनारे पर स्थित राफा शहर मदद के लिए मुख्य मार्ग भी रहा है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि इजरायली ऑपरेशन ने क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया है जिससे अकाल का खतरा बढ़ गया है.

पहले भी नजरअंदाज हो चुके हैं ICJ के फैसले

पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका के वकीलों ने आईसीजे से आपातकालीन उपाय लागू करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि फिलिस्तीनी लोगों के अस्तित्व को बचाने के लिए राफा पर इजरायल के हमलों को रोका जाना चाहिए. 

दो देशों के बीच विवादों की सुनवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था है. इसके फैसले अंतिम और बाध्यकारी हैं लेकिन अतीत में इन्हें नजरअंदाज किया जा चुका है. अदालत के पास कोई प्रवर्तन शक्तियां नहीं हैं. इजरायल के खिलाफ फैसले से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर राजनयिक दबाव बढ़ सकता है.

उठी नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गिरफ्तारी के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अरेस्ट वारंट की मांग की गई है. इस पर भड़के नेतन्याहू ने कहा कि वो लोकतांत्रिक इजरायल की तुलना हमास के सामूहिक हत्यारों से करने को कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की मांग को इजरायली सेना और पूरे इजरायल पर हमला बताया है.

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