बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जब होली आर्टिसन बेकरी में आतंकी हमला हुआ तो पूरी दुनिया इस बात से सन्न रह गई कि आखिर इस पॉर्श इलाके में इतना बड़ा हमला उन आतंकियों ने किया जो गरीब घरों से नहीं आते हैं. ये आतंकी ऐसे परिवारों से थे जो बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं.
इस आतंकी घटना के लगभग ढाई महीने बीत चुके हैं. लेकिन अभी भी इस बेकरी में सन्नाटा पसरा हुआ है. 'आज तक' के रिपोर्ट ने जब इस बेकरी के अंदर जाकर देखा तो ऐसा लग रहा था कि आज भी वो चीख पुकार इस पूरे बेकरी के अंदर से आ रही है. 'आज तक' पहला ऐसा न्यूज चैनल है जो इस बेकरी के अंदर गया. इस बेकरी के अंदर अभी भी जगह-जगह खून की छीटें फैली हुई हैं. साथ ही जो लोग इस बेकरी में खाने के लिए आए थे उनकी खाने की प्लेट और चम्मच ऐसी ही इधर-उधर फैली हुई हैं. वो सब मंजर सामने आ रहा था जब आतंकी इस बेकरी में लोगों को बंधक बनाकर उनसे उनका नाम पूछकर उनको मार रहे थे.
इस आतंकी हमले में 22 लोगों का कत्लेआम हुआ था. जिसमें 17 विदेशी लोग शामिल थे. ये पूरा इलाका एम्बेसी का इलाका है. जहां हमेशा सुरक्षा और चौकसी रहती है. लोकल पुलिस से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी इस पूरे मामले की जांच चल रही है. लेकिन अभी तक दोबारा ये बेकरी फिर से नहीं खुल पाई.
आपको बता दें कि ढाका में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए आतंकवादियों में से एक निबरस इस्लाम था. जो बड़े खाते पीते घर का था. जांचकर्ता ही नहीं, पूरा बांग्लादेश इस बात से अभी तक हैरान है कि पैसे वाले परिवारों के ये लड़के किस प्रभाव से कातिल बन गए. ढाका हमले के बाद यह भ्रम टूट गया है कि गरीब परिवारों के अशिक्षित और मोहताज लोग ही आतंकवादियों के जाल में फंसते हैं. जानकारों की मानें तो पहले जो लोग आतंकवादी बनते थे वे गरीब होते थे और पिछड़े मदरसों में पढ़े होते थे. ये हमलावर तो बहुत खाते-पीते परिवारों के हैं. जानकारी के मुताबिक निरबस के अलावा सारे आतंकी बड़े घरों के तो थे ही साथ ही उनके अंदर कट्टरता कूट-कूट कर भरी थी.
हाल ही में ढाका पुलिस ने ढाका आतंकी हमले के संदिग्ध मास्टरमाइंड तमीम अहमद चौधरी को मार गिराया. पुलिस रेड में तमीम के साथ दो और आतंकी मारे गए. बता दें कि ढाका में 1 जुलाई की रात डिप्लोमैटिक एरिया में एक कैफे पर आतंकियों ने फायरिंग की थी. इसमें एक भारतीय लड़की तारिषी जैन समेत 17 विदेशी मारे गए थे. बाद में सिक्योरिटी फोर्सेस ने कार्रवाई में सभी 6 आतंकियों मार गिराया था.
बांग्लादेश पुलिस ने एक इंटेलिजेंस इनपुट के बाद नारायणगंज सदर में एक मकान पर रेड डाली. पुलिस घर में घुसने की कोशिश कर रही थी कि इसी दौरान अंदर से फायरिंग होने लगी. पुलिस की जवाबी गोलीबारी में कैफे अटैक के मास्टरमाइंड समेत दो आतंकी ढेर हो गए. इससे पहले 26 जुलाई को ढाका के कल्याणपुर में भी ज्वाइंट फोर्स ने 9 आतंकियों को मार गिराया था. मारा गया आतंकी कनाडियन-बांग्लादेशी तमीम कैफे अटैक के मास्टरमाइंड में से एक था. ढाका पुलिस के मुताबिक तमीम कल्याणपुर में इन आतंकियों के फ्लैट में बराबर जाता और उनके साथ मीटिंग करता था. वो इन्हें फाइनेंशियली मदद के साथ ही हथियार भी मुहैया कराता था.