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न्यूयॉर्क कोर्ट ने पलटा फैसला, #MeToo केस के दोषी हार्वे विंस्टीन को राहत

राज्य अपील न्यायालय के फैसले ने अमेरिका में शक्तिशाली हस्तियों द्वारा यौन दुराचार के मामले में एक दर्दनाक अध्याय को फिर से खोल दिया है. एक ऐसा युग जो 2017 में विंस्टीन के खिलाफ लगे एक के बाद एक आरोपों के साथ शुरू हुआ था. अदालत ने नये सिरे से मुकदमा चलाने का आदेश दिया.

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हॉलीवुड अभिनेता हार्वे विंन्सटीन
हॉलीवुड अभिनेता हार्वे विंन्सटीन

न्यूयॉर्क की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को हार्वे विंस्टीन को साल 2020 में मिली बलात्कार की सजा को पलट दिया है. इसकी साथ कोर्ट ने पाया कि जिस #MeToo कैंपेन  ने इतिहास बनाया, उससे संबंधित केस में न्यायाधीश ने ऐसे फैसले लिए जो अनुचित थे और पूर्व-फिल्म मुगल के प्रति पहले से ही पूर्वाग्रह से ग्रसित थे. इसीलिए महिलाओं को उन आरोपों के बारे में गवाही देने का निर्णय भी शामिल था जो मामले का हिस्सा नहीं थे।

राज्य अपील न्यायालय के फैसले ने अमेरिका में शक्तिशाली हस्तियों द्वारा यौन दुराचार के मामले में एक दर्दनाक अध्याय को फिर से खोल दिया है. एक ऐसा युग जो 2017 में विंस्टीन के खिलाफ लगे एक के बाद एक आरोपों के साथ शुरू हुआ था. अदालत ने नये सिरे से मुकदमा चलाने का आदेश दिया.उन पर आरोप लगाने वालों को फिर से गवाह के तौर पर अपने दुखों को फिर से जीने के लिए मजबूर किया जा सकता है.

72 वर्षीय विंस्टीन न्यूयॉर्क जेल में 23 साल की सजा काट रहे हैं. उन्हें 2006 में एक टीवी और फिल्म निर्माण सहायक के साथ जबरन ओरल सेक्स करने और उस पर हमला करने साथ ही 2013 में एक महत्वाकांक्षी अभिनेत्री से बलात्कार और आपराधिक यौन कृत्य के आरोप में दोषी ठहराए जाने के सजा मिली है. 

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हालांकि, विंस्टीन को कैद में ही रहना होगा, क्योंकि उन्हें साल 2022 में लॉस एंजिल्स में रेप के एक और मामले में दोषी ठहराया था. इस मामले में विंस्टीन को 16 साल की जेल हुई है.  

वीनस्टीन की सजा को पलटना पिछले दो वर्षों में #MeToo को दूसरा बड़ा झटका है, जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने बिल कॉस्बी की यौन उत्पीड़न की सजा को खारिज करने के पेंसिल्वेनिया अदालत के फैसले की अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. विंस्टीन की सजा चार साल से अधिक समय तक कायम रही, जिसे कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं ने एक मील के पत्थर के तौर घोषित किया, लेकिन उनके वकीलों और बाद में, अपील की अदालत ने फरवरी में इस मामले पर दलीलें सुनीं, तो उतनी ही तेजी से इसका खंडन किया गया.

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