लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के डिप्टी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की खबर कंफर्म हो गई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने इसकी पुष्टि की है. यूएन की वेबसाइट पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक भुट्टवी की 29 मई 2023 को पाकिस्तान पुलिस की हिरासत में पंजाब प्रांत के मुरीदके में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. भुट्टावी ने ही 26/11 के मुंबई हमलों के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने में मदद की थी.
भुट्टावी को 2012 में पहली बार यूएनएससी की वांटेड लिस्ट में अल-कायदा से जुड़े होने के कारण सूचीबद्ध किया गया था, क्योंकि वह अल-कायदा के वित्तपोषण, योजना, सुविधा, ट्रेनिंग, गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल था. यूएनएससी के मुताबिक, जब हाफिज सईद को हिरासत में लिया गया था, तब भुट्टावी ने कम से कम दो मौकों पर लश्कर या जमात-उद-दावा (जेयूडी) के कार्यवाहक के रूप में काम किया था.
नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के कुछ दिनों बाद सईद को हिरासत में लिया गया और जून 2009 तक हिरासत में रखा गया. भुट्टावी ने इस अवधि के दौरान संगठन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को संभाला और संगठन की ओर से स्वतंत्र निर्णय लिए. सईद को मई 2002 में भी हिरासत में लिया गया था. 2002 में पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का संगठनात्मक आधार स्थापित करने का प्रभारी भुट्टावी ही था.
गौरतलब है कि पिछले साल भी मई में पीटीआई ने आतंकी की मौत की खबर दी थी और वही कारण बताया था जो आज यूएनएससी की साइट पर बताया गया है. 77 वर्षीय भुट्टवी को आतंकी वित्तपोषण मामले में अक्टूबर 2019 से लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिला जेल शेखूपुरा में कैद किया गया था. जेयूडी के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 29 मई को उसके सीने में तेज दर्द हुआ और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.