80 साल पहले की बात है, 1 सितंबर 1939 पोलैंड के वीलन शहर पर जर्मनी ने पहला बम गिराया था. इसके बाद ही शुरू हुआ था द्वितीय विश्वयुद्ध. पोलैंड के इसी शहर में जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर स्टीनमायर दौरे पर गए थे. उन्होंने पोलैंड के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस शहर में हुए हमले के पीड़ितों के सामने सिर झुकाता हूं. मैं जर्मनी के अत्याचार से पीड़ित पोलैंड के लोगों के सामने सिर झुकाता हूं और उनसे माफी मांगता हूं. नाजियों ने पोलैंड पर हमले करके मानवता के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कार्य किया था.
राष्ट्रपति स्टीनमायर ने कहा कि 80 साल पहले द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे पहला बम पोलैंड के वीलन शहर में ही गिराया गया था. 1939 से लेकर 1945 तक चले इस विश्वयुद्ध में करीब 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी. इनमें से 60 यहूदी थे. इनमें से आधे पोलैंड के निवासी थे. राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर स्टीनमायर ने कहा कि वह नाजी थे, जिन्होंने पोलैंड में मानवता के खिलाफ अपराध किए. बतौर जर्मनी का राष्ट्रपति मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उन घटनाओं को कभी नहीं भूलेंगे. हम इतिहास में हुई घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हैं.
#UPDATE German President Frank-Walter Steinmeier asks Poland's forgiveness for history's bloodiest conflict during a ceremony in the Polish city of Wielun, where the first World War II bombs fell 80 years ago https://t.co/703Q8ht6SS pic.twitter.com/NvwPVFuSo8
— AFP news agency (@AFP) September 1, 2019
वहीं, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने कहा कि पौलैंड पर जर्मनी का हमला एक गंभीर युद्ध अपराध था. जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर स्टीनमायर के बयान से इस बात के संतुष्टि मिलती है कि अब और निकट भविष्य में पोलैंड और जर्मनी के बीच रिश्ते बेहतर होंगे. इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्रपति वीलन संग्रहालय घूमने गए जहां उन्होंने 1 सितंबर 1939 की बमबारी में बचे हुए लोगों से भी मुलाकात की.
पिछले साल पोलैंड ने जर्मनी से मांगा था मुआवजा
पिछले साल 1 सितंबर को ही पोलैंड ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुई क्षति के लिए जर्मनी से मुआवजा मांगा था. पोलैंड के एक संसदीय आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजियों द्वारा किए गए कब्जे की वजह से देश में 50 लाख लोगों की मौत हुई थी. करीब 54 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. पोलैंड की मौजूदा सरकार द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान देश को नाजियों द्वारा पहुंचाई गई क्षति की पूर्ति जर्मनी से चाहती है और आयोग की कल की यह घोषणा उसी का हिस्सा है.