विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस के दौरे पर हैं. रूस की राजधानी मॉस्को में एससीओ की यह अहम बैठक चल रही है, जिसमें अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसी में विदेश मंत्रियों की भी बैठक होनी है. बुधवार शाम 7 बजे विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक करेंगे. इसी के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी रूस और भारत के विदेश मंत्रियों के साथ लंच पर मिलेंगे.
हालांकि वांग यी का विदेश मंत्रियों की बैठक में गुरुवार को शामिल होने का कार्यक्रम है. इस बैठक से इतर एक कार्यक्रम में वांग यी और एस जयशंकर मिलेंगे. एससीओ से अलग होने वाली यह बैठक गुरुवार शाम 5.30 से 6.30 तक चलेगी. मॉस्को में स्थानीय समय के मुताबिक दोनों की बैठक 3-4 बजे शाम को होगी. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. कुछ दिन पहले एससीओ की बैठक से इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी.
मॉस्को में गुरुवार को 12.30 बजे एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू होगी. बैठक के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव प्रेस को संबोधित कर सकते हैं. उनके रूसी भाषा में संबोधन का अंग्रेजी अनुवाद जारी किया जाएगा. हालांकि संबोधन के साथ-साथ अंग्रेजी में भी बयान जारी होंगे या नहीं, अभी यह साफ नहीं है.
रूस की मध्यस्थता नहीं
भारत और चीन के बीच उपजे विवाद में रूस मध्यस्थता नहीं करेगा जब तक कि दोनों देशों की ओर से इस बारे में आग्रह न किया जाए. बता दें, रूस ने इसे दो देशों के बीच का मामला बताया है और इसमें दखलअंदाजी न करने का ऐलान किया है. भारत और चीन को रूस आपसी बातचीत तेज करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. मंगलवार को एक वर्चुअल बैठक में दिल्ली स्थित रूसी राजदूतावास के डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने कहा कि मॉस्को इस मसले में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं करेगा.
रोमन बाबुश्किन ने कहा कि जब तक दोनों पक्ष हमसे न कहें, हम इसमें दखल देने नहीं जा रहे. भारत और चीन को तय करना होगा कि वे इस तरह की मध्यस्थता को स्वीकार करते हैं या नहीं? फिलहाल दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने के मुद्दे में हम शामिल होने नहीं जा रहे हैं. हम दोनों देशों के बीच एक सकारात्मक माहौल बनाने पर फोकस कर रहे हैं.