भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिकी अदालत ने बड़ी राहत दे दी है. न्यूयॉर्क की एक अदालत ने देवायानी के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी और नौकरानी के बारे में गलत बयान देने के आरोप खारिज कर दिए हैं.
देवयानी की जमानत की शर्तों और उनके मुचलके को भी रद्द कर दिया है. अदालत ने देवयानी के खिलाफ लगे आरोपों के तहत जारी किए गए किसी गिरफ्तारी वारंट को भी रद्द करने का आदेश दिया है.
मैनहैटन की अदालत में डिस्ट्रिक्ट जज शीरा शींडलीन ने कहा कि जब देवयानी खोबरागड़े पर लगे मामले को खत्म करने को कहा गया, उस वक्त उन्हें राजनयिक संरक्षण हासिल था.
देवयानी को 12 दिसंबर, 2013 को गिरफ्तार किया गया था. देवयानी को अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड से ज्यादा काम करवाने और कम पैसे देने का आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी के बाद देवयानी की कथित निर्वस्त्र तलाशी और पेशेवर अपराधियों के साथ सेल में रखे जाने पर भारत और अमरीका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत सरकार ने अपने राजनयिक से हुए दुर्व्यवहार पर ऐतराज जताते हुए खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन पर स्थानांतरित कर दिया. इसके बाद एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें पूरी राजनयिक छूट (डिप्लोमैटिक इम्युनिटी) दी गई और 10 जनवरी को वे भारत लौट आईं. देवयानी इस वक्त विदेश मंत्रालय में तैनात हैं.
देवयानी पर लगे आरोप खारिज होने के बाद उनके पिता उत्तम खोबरागड़े ने खुशी जताई है और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है.
1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी देवयानी न्यूयॉर्क में भारत की डिप्टी काउंसलर जनरल के पद पर तैनात थीं. देवयानी के पिता उत्तम खोबरागड़े महाराष्ट्र कैडर से 1984 बैच के रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं.