scorecardresearch
 

मुस्लिम देशों की झिड़की के बाद डेनमार्क ने उठाया ये बड़ा कदम

यूरोपीय देशों में लगातार कुरान जलाए जाने की घटनाओं के बीच मंगलवार को डेनमार्क की संसद ने कुरान के अपमान पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर चर्चा की है. इस कानून के तहत कुरान जलाने या अपमान करने वालों को दो साल तक की जेल हो सकती है.

Advertisement
X
प्रतिकात्मक तस्वीर (फाइल फोटोः गेटी)
प्रतिकात्मक तस्वीर (फाइल फोटोः गेटी)

यूरोपीय देश स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने की घटनाएं सामने आने के बाद से ही मुस्लिम देश भड़के हुए हैं. इसी बीच मंगलवार को डेनमार्क की संसद ने कुरान के अपमान पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर चर्चा की है. डेनमार्क की सरकार ने कहा है कि इस तरह के तनाव से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. इसलिए सार्वजनिक रूप से किसी भी धार्मिक ग्रंथ को जलाने या अपमान करने की घटना को अपराध की श्रेणी में लाने का प्रस्ताव लाया गया है. 

डेनमार्क की संसद की वेबसाइट के मुताबिक, इस कानून के तहत इस तरह के अपराध यानी कुरान जलाने या अपमान करने वालों को दो साल तक की जेल हो सकती है. डेनमार्क राष्ट्रीय पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 21 जुलाई से 24 अक्टूबर के बीच डेनमार्क में 483 धार्मिक किताबें या झंडा जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं.

मुस्लिम देशों ने जताई थी नाराजगी

दरअसल, डेनमार्क के एक धुर-दक्षिणपंथी नेता ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम स्थित तुर्की दूतावास के सामने कुरान की एक प्रति फाड़कर उसमें आग लगा दी थी. जिसके बाद सऊदी अरब, यूएई, पाकिस्तान और मिस्र समेत लगभग सभी मुस्लिम देशों ने इसकी कड़ी निंदा की थी. मुस्लिम देशों ने इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए स्वीडन और डेनमार्क को कड़े कदम उठाने के लिए कहा था. 

Advertisement

यहां तक कि सऊदी अरब ने डेनमार्क के राजनयिक को समन भी किया था. वहीं, बड़े मौलवी नेता मुक्तदा सद्र के आह्वान के बाद जुलाई 2023 में लगभग एक हजार प्रदर्शनकारियों ने बगदाद के ग्रीन जोन में स्थित डेनिश दूतावास तक मार्च करने का प्रयास किया था. 

दो साल तक की हो सकती है जेल

डेनमार्क की संसद की वेबसाइट के अनुसार, इस विधेयक में किसी भी धार्मिक समुदाय के विशेष धार्मिक महत्व वाले किसी ग्रंथ को सार्वजनिक रूप से जानबूझकर और अनुचित तरीके से अपमान करने की घटना को आपराधिक श्रेणी में लाने का प्रस्ताव है. इस बिल में इस तरह के अपराध करने वालों को दो साल तक की जेल हो सकती है. 

इस कानून को डेनमार्क दंड संहिता के चैप्टर 12 में शामिल किया जाएगा. चैप्टर 12 डेनमार्क की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ कानून है. मंगलवार को हुई चर्चा के बाद इस बिल को एक कमिटी स्टडी करेगी. इसके बाद वोटिंग से पहले भी संसद में दो बार चर्चा होगी.

अगस्त में भी की गई थी विधेयक लाने की कोशिश

इससे पहले अगस्त में भी इस तरह की बिल लाने की कोशिश की गई थी लेकिन कड़ी आलोचना के बाद उसमें संशोधन किया गया है. अगस्त में कहा गया था कि इस विधेयक में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित है इसलिए इसे लागू करना मुश्किल होगा. 

Advertisement

अगस्त में लाए गए बिल को लेकर डेनमार्क के राजनेता, कलाकार और एक्टिविस्टों का कहना था कि यह बिल उसी ईशनिंदा कानून की वापसी है जिसे 2017 में खत्म कर दिया गया है. इसके अलावा पुलिस और न्यायिक अधिकारियों का भी कहना था कि इसे लागू करना मुश्किल होगा. जिसके बाद अक्टबूर में जस्टिस मंत्री हम्मेलगार्ड ने कहा था कि हम इस विधेयक में बदलाव कर रहे हैं जिससे पुलिस और अदालतों को इसे लागू करना आसान होगा. 

हम किसी के दबाव में नहींः स्वीडन

डेनमार्क की सरकार ने संसद में बिल पेश करने से पहले रविवार को कहा था कि सरकार कानूनी तरीके खोजने की कोशिश करेगी जिससे अधिकारियों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों में हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल सके. डेनिश विदेश मंत्री लोके रासमुसेन ने सोमवार को कहा था कि हम डेनमार्क के लोगों और अन्य देशों को भी यह संकेत दे रहे हैं कि हम इस पर काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इस विधेयक से उन्हें कम करने में मदद मिलेगी. 

हालांकि, उन्होंने कहा कि हम ऐसा इसलिए नहीं कर रहे हैं कि हमें ऐसा करने के लिए दबाव महसूस हो रहा है. बल्कि यह हमारा राजनीतिक विश्लेषण है कि यह निर्णय हम सभी के हित में है. हाथ पर हाथ धरे इस विवाद को और बढ़ने देने का इंतजार नहीं करना चाहिए. इससे पहले साल 2006 में पैगंबर मोहम्मद के व्यंग्य कार्टून के प्रकाशन के बाद मुस्लिम दुनिया में डेनिश विरोधी लहर फैल गई थी. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement