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5 साल से कम उम्र के बच्चों को लगेगा फाइजर-मॉडर्ना का कोरोना टीका, अमेरिका ने दिखाई हरी झंडी

अमेरिका में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अब फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन लगाई जाएगी. दोनो कंपनियों को हरी झंडी दिखा दी गई है. भारत में भी बूस्टर डोज के अंतराल को कम करने पर विचार हो रहा है.

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अमेरिका में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को लगेगी वैक्सीन
अमेरिका में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को लगेगी वैक्सीन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना का सबसे बड़ा एपीसेंटर रहा अमेरिका
  • वायरस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है वैक्सीन

कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन मानी गई है. बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण के जरिए ही स्थिति को कंट्रोल किया जा रहा है. अब अमेरिका ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फाइजर-मॉडर्ना की वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी गई है.

कहा जा रहा है कि 6 महीने से ज्यादा के जो भी बच्चे हैं, सभी को कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी. वैक्सीन लगाने के साथ-साथ नतीजों की समीक्षा भी की जाएगी. यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि छोटे बच्चों को वैक्सीन लगाने की पहल इन दोनो कंपनियों द्वारा ही गई थी. कुछ समय पहले फाइजर और मॉडर्ना ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से अपील की थी कि 6 महीने से बड़े बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाए. तब एक एक्सपर्ट पैनल बनाया गया और नतीजों के आधार पर दोनों कंपनियों को हरी झंडी दिखाई गई.

ये भी जानकारी दी गई है कि दोनों फाइजर और मॉडर्ना की तरफ से बड़े स्तर पर क्लिनिकल ट्राइल किया गया था. एक तरफ फाइजर ने 4000 बच्चों को अपना टीका लगाया था तो मॉडर्ना ने 6000 बच्चों को अपनी वैक्सीन लगाई. जब नतीजे संतोषजनक रहे, तब जाकर दोनों कंपनियों को बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए कहा गया.

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वैसे इस समय अमेरिका के अलावा भारत में भी टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है. हाल ही में सरकार को सुझाव दिया गया है कि बूस्टर डोज के अंतराल को 9 महीने से कम कर 6 महीने कर दिया जाए. अभी देश में क्योंकि कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में ये सुझाव काफी अहम माना जा रहा है.
 

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