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PAK में अर्जी; UN में सुषमा हिंदी में बोलीं, तो शरीफ अंग्रेजी में क्यों? केस करो

पाकिस्तान के एक शख्स को संयुक्त राष्ट्र (UN) में पीएम नवाज शरीफ का उर्दू के बजाय अंग्रेजी में भाषण देना नागवार गुजरा. उसने सुप्रीम कोर्ट के ही एक आदेश का सहारा लेते हुए शरीफ के खिलाफ कोर्ट की अवमाननना का केस दर्ज करने की अर्जी लगा दी.

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पाकिस्तान के एक शख्स को संयुक्त राष्ट्र (UN) में पीएम नवाज शरीफ का उर्दू के बजाय अंग्रेजी में भाषण देना नागवार गुजरा. उसने सुप्रीम कोर्ट के ही एक आदेश का सहारा लेते हुए शरीफ के खिलाफ कोर्ट की अवमाननना का केस दर्ज करने की अर्जी लगा दी. शरीफ ने 26 सितंबर को यूएन महासभा में भाषण दिया था.

दरअसल, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को आदेश दिया था कि उर्दू को मुल्क की राजभाषा बनाने के लिए कदम उठाए जाएं. नेताओं और अफसरों को भाषण और औपचारिक संवाद भी अंग्रेजी के बजाय उर्दू में करना चाहिए. बस इसी आदेश के सहारे जाहिद गनी नाम के शख्स ने अर्जी दाखिल कर दी.

इसलिए बनता है केस
जाहिद ने अपनी अर्जी में कहा है कि शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. शरीफ ने अपराध किया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के पीएम शिंजो आबे, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी सबने अपनी-अपनी राष्ट्रभाषा में भाषण दिए.

ऐसी मांग वाली दूसरी अर्जी
इससे पहले भी शरीफ के खिलाफ इसी मुद्दे को लेकर कोर्ट की अवमानना का केस दाखिल करने के आदेश देने की याचिका लगाई जा चुकी है. हालांकि पाकिस्तान में यह नया नहीं है. पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ भी केस हुआ था और 26 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी को एक मिनट तक कटघरे में खड़े रहने की सजा दी थी.

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