अफगानिस्तान संकट के बीच चीन ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान जारी किया है. चीन की तरफ से कहा गया कि भारत की अध्यक्षता में हुई यूएनएससी की बैठक में अफगानिस्तान के पड़ोसी देश की बोलने की मांग को ठुकरा देना अफसोसजनक है.
चीन के संयुक्त राष्ट्र उप राजदूत गेंग शुआंग ने कहा कि परिषद के कुछ सदस्यों ने अपने बयान में कहा कि वो चाहते हैं कि अफगानिस्तान के पड़ोसी वहां के संकट को हल करने में अहम भूमिका निभाएं. हमें पता चला है कि कुछ क्षेत्रीय देशों और अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों ने मीटिंग में भाग लेने की गुहार लगाई थी. यह अफसोस जनक है कि उनको अनुमति नहीं दी गई.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह ध्यान दिया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का सहमत प्रारूप परिषद के सदस्यों और संबंधित देश के लिए एक खुली ब्रीफिंग थी. इस मामले में संबंधित देश अफगानिस्तान है. सूत्रों के मुताबिक कुछ क्षेत्रीय देशों ने यह भी पूछा था कि क्या वर्तमान प्रारूप के तहत गैर-परिषद सदस्य बैठक को संबोधित कर सकते हैं? हालांकि परिषद के सदस्यों के बीच आम सहमति की कमी के कारण इसकी भी इजाजत नहीं दी गई थी.
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पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र दूत मुनीर अकरम द्वारा परिषद के बाहर पत्रकारों से कहा गया कि बोलने की अनुमति नहीं देने से भारत की पाकिस्तान के खिलाफ नफरत की भावना सामने आती है. हालांकि सूत्रों ने कहा,एक गैर-परिषद सदस्य राज्य का कथित तौर पर "उनके खिलाफ भारत की नफरत" का हवाला देना निराधार है, क्योंकि यह परिषद की प्रक्रियाओं की समझ की कमी को दर्शाता है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक अकरम ने आरोप लगाया कि भारत ने पाकिस्तान को UNSC मीटिंग में भाग लेने नहीं दिया.