क्या चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की एक्टिव मिलिट्री सपोर्ट की थी? इस मुद्दे को चीन की सरकार तवज्जो नहीं देना चाह रही है. भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सक्रिय सैन्य सपोर्ट दिया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत-पाकिस्तान के बीच की इस लड़ाई को अपने कई डिफेंस सिस्टम के टेस्ट के लिए 'लाइव लैब' के रूप में इस्तेमाल किया था.
सोमवार को जब चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता से माओ निंग से इस दावे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे ज्यादा तवज्जो देने की कोशिश नहीं की. माओ निंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान पारंपारिक रूप से घनिष्ठ पड़ोसी हैं, और उनके बीच पारंपरिक मित्रता है. रक्षा और सुरक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग का हिस्सा है. माओ निंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच की रक्षा और सुरक्षा सहयोग का टारगेट कोई तीसरा पक्ष नहीं है.
चीन का कूटनीतिक जवाब
माओ निंग ने अपने जवाब में कहीं भी इस बात से इनकार नहीं किया कि चीन ने पाकिस्तान को इस जंग के दौरान सक्रिय सैन्य सहायता नहीं की.
माओ निंग ने कहा, "आपने जिन विशेष बातों का उल्लेख किया है, मैं उनसे परिचित नहीं हूं. मैं आपको यह बताना चाहती हूं कि चीन और पाकिस्तान घनिष्ठ पड़ोसी हैं, तथा उनके बीच पारंपरिक मित्रता है. रक्षा और सुरक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग का हिस्सा है, और इसका टारगेट कोई तीसरा पक्ष नहीं है."
उन्होंने कहा कि, "मुझे नहीं पता कि यह आरोप कैसे आया. अलग-अलग लोगों के अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं. मैं बस इतना कह सकता हूं कि चीन-पाकिस्तान संबंध किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते."
माओ निंग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता है और दोनों ही चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने क्या कहा था?
बता दें कि पिछले सप्ताह दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए जनरल सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान "फ्रंट फेस" था. इस दौरान चीन अपने सदाबहार मित्र को हरसंभव सहायता दे रहा था तथा तुर्की भी इस्लामाबाद को सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति करके एक प्रमुख भूमिका निभा रहा था. उन्होंने कहा था कि 7-10 मई के संघर्ष के दौरान भारत वास्तव में कम से कम तीन शत्रुओं से निपट रहा था.
चीन-पाकिस्तान की दोस्ती किसी तीसरे पक्ष को टारगेट नहीं करती
बीजिंग में चीन ने कहा कि पिछले कुछ समय से चीन भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हो रहे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखा रहा है. और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से शांति और बातचीत को बढ़ावा दे रहा है. माओ ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान के मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से ठीक से सुलझाने और मौलिक समाधान खोजने के प्रयासों का स्वागत और समर्थन करते हैं. चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए भी तैयार है."
चीन-भारत संबंधों का जिक्र करते हुए माओ ने कहा कि चीन-भारत संबंध वास्तव में सुधार और विकास के महत्वपूर्ण चरण में हैं. उन्होंने कहा, "हम चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ और स्थिर ट्रैक पर आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने के लिए तैयार हैं."
माओ निंग से जब उनके इस दावे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया कि चीन-पाकिस्तान की दोस्ती किसी तीसरे पक्ष को टारगेट नहीं करती है. लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान चीन ने भारत की कीमत पर पाकिस्तान की सहायता की?
इस माओ निंग ने सिर्फ इतना कहा कि चीन-पाकिस्तान संबंध किसी तीसरे पक्ष को टारगेट नहीं करते हैं, और चीन भारत और पाकिस्तान दोनों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को ठीक से हल करने और संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है.
बता दें कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस हमले के बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई. ये लड़ाई 10 मई को सीजफायर के साथ समाप्त हुई. इस लड़ाई में पाकिस्तान के 160 से ज्यादा लोग मारे गए.