चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दूसरी बार सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का प्रमुख चुना गया है. साथ ही सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी (PBSC) के सदस्यों को भी चुना किया गया है. पांच साल के अगले कार्यकाल के लिए चुने जाने के साथ ही शी जिनपिंग चीन के सबसे मजबूत नेता बन गये हैं. अब वह अगले साल 2022 तक चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे.
इतना ही नहीं, वह साल 2022 के बाद भी चीन की सत्ता में काबिज रहेंगे. इसकी वजह पोलित ब्यूरो में ज्यादा उम्र दराज लोगों को चुना जाना है. इसे शी जिनपिंग का सत्ता में बने रहने का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की पांच साल में होने वाली पार्टी कांग्रेस में नए नेतृत्व का चुनाव किया गया.
इसमें पार्टी के प्रमुख सहित पोलित ब्यूरो के सदस्यों को चुना जाता है. CPC ने बंद कमरे में मतदान में 64 वर्षीय शी जिनपिंग को पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति का अध्यक्ष चुना. वहीं, चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग सात सदस्यीय समिति में अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. पोलित ब्यूरो के पांच सदस्य भी चुने गय हैं.
ये चलाएंगे चीन की सरकार
CPC सम्मेलन में चुने गये पोलित ब्यूरो के सदस्यों की उम्र से एक बात तो साफ है कि इनमें से कोई नेता शी जिनपिंग का उत्तराधिकारी नहीं बनेगा. शी जिनपिंग और ली केचियांग (62) के अलावा सत्तारूढ़ परिषद् में ली झांशु (67), उपप्रधानमंत्री वांग यांग (62), कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख सिद्धांतकार वांग हनिंग (62), पार्टी के संगठन विभाग के प्रमुख झाओ लेजी (60) और शंघाई पार्टी प्रमुख हान झोंग (63) जगह मिली है.
बैठक के दौरान इन नए कॉमरेड ने 68 साल की उम्र पूरी कर सेवानिवृत्त हुए सदस्यों का स्थान लिया.
साल 2022 के बाद भी सत्ता में बने रहेंगे शी जिनपिंग
आमतौर पर इस पोलित ब्यूरो के सदस्यों में से ही कोई एक राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी बनता है. हालांकि इनमें से कोई भी शी जिनपिंग का उत्तराधिकार नहीं बनेगा. इसकी वजह यह है कि पोलित ब्यूरो के नए सदस्यों की उम्र इतनी ज्यादा है कि वे साल 2022 में होने वाले पार्टी सम्मेलन में शी जिनपिंग का उत्तराधिकारी नहीं बन पाएंगे यानी यह साफ है कि साल 2022 में शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, लेकिन उसके बाद भी वह सत्ता में बने रहेंगे.
पार्टी की नेशनल कांग्रेस के बाद शी जिनपिंग ने किया संबोधित
चीन में पांच साल में होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी की नेशनल कांग्रेस के बाद पोलित सदस्यों के चुने जाने की घोषणा की गई. चीन के इस सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शी जिनपिंग और ली केचियांग पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी के नए सदस्यों के साथ मीडिया के सामने आए. बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल से इस पूरी कवायद का दुनिया भर में सीधा प्रसारण किया गया. चीनी राष्ट्रपति शी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि पिछले पांच वर्षों में हमने विस्तृत एजेंडा तय किया है. इनमें से कुछ काम पूरे हो गये हैं, जबकि बाकी पर और काम करने की जरूरत है.
चीनी राष्ट्रपति ने साल 2020 तक गरीबी खत्म करने का किया वादा
शी जिनपिंग ने कहा कि दशकों का कठिन परिश्रम और चीनी समाजवाद नये युग में प्रवेश कर चुका है. अब हमें नई उपलब्धियां हासिल करनी चाहिए. इस दौरान शी जिनपिंग ने साल 2020 तक गरीबी को खत्म करने और आधुनिक समृद्ध समाज बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम सतत एवं स्वस्थ आर्थिक विकास के प्रयास करेंगे, जिससे चीन और दुनिया को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर अपने विकास के कदम को नहीं रोकेगी.
संविधान में शामिल होंगे शी जिनपिंग के विचार
पांच साल में एक बार होने वाली इस कांग्रेस की सबसे खास बात यह रही कि सीपीसी ने सम्मेलन के अंतिम दिन मंगलवार को शी जिनपिंगकी विचारधारा को अपने संविधान में शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी. मालूम हो कि अभी तक पार्टी के संविधान में सिर्फ माओत्से तुंग और उनके उाराधिकारी देंग शिआयोपिंग की विचारधारा शामिल है. देंग के विचारों को मरणोपरांत पार्टी संविधान में शामिल किया गया था. शी जिनपिंग के विचारों के संविधान में शामिल होने से यह बात साफ हो गई कि माओ के बाद शी जिनपिंग चीन के सबसे शक्तिशाली शख्स बन गए हैं.