पिछले काफी समय से बांग्लादेश सरकार के निशाने पर रहे पहले हिंदू मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया. ऑस्ट्रेलिया से उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद को इस्तीफा भेजा है. सिन्हा पर मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं जैसे आरोप लगे थे. पिछले एक महीने से वे छुट्टी पर चल रहे थे. छुट्टी खत्म होते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
पहले हिन्दू मुख्य न्यायाधीश थे एसके सिन्हा
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जॉयनल अबेदिन ने शनिवार को सिन्हा के इस्तीफे की पुष्टि की. मीडियाकर्मियों को उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. सिन्हा बांग्लादेश के पहले हिन्दू मुख्य न्यायाधीश थे. 17 जनवरी 2015 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, अगले वर्ष 21 जनवरी तक उनका कार्यकाल था.
सरकार से विवाद के बाद चले गए थे ऑस्ट्रेलिया
सरकार से चल रहे विवाद के बाद 13 अक्टूबर को सिन्हा ऑस्ट्रेलिया चले गए थे. तभी से वे छुट्टी पर थे. छुट्टी खत्म होते ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से ही अपना इस्तीफा भेज दिया.
मियां अब्दुल वहाब ने पदभार संभाला
बांग्लादेश की सरकार ने 3 अक्टूबर को सिन्हा के सिक लीव पर जाते ही उनकी जगह मियां अब्दुल वहाब को एक्टिंग चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त कर दिया था. बाद में सिन्हा के देश से बाहर जाने से एक दिन पहले 12 अक्टूबर को बांग्लादेश सरकार ने एक और नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें जस्टिस वहाब को ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर तब तक बने रहने को कहा गया, जब तक कि जस्टिस सिन्हा की छुट्टी खत्म नहीं हो जाती या फिर वे बांग्लादेश लौट नहीं आते. अब सिन्हा के इस्तीफा देने के बाद जस्टिस वहाब नई नियुक्ति नहीं होने तक इस पद पर बने रहेंगे.
बांग्लादेश सरकार से चल रही थी तकरार
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में एक फैसले में जजों के महाभियोग संबंधी संसद के अधिकारों को खत्म करने का फैसला किया था. तभी से ही विवाद लगातार बढ़ हो रहा है. कानून में 16वें संशोधन को खारिज करने के बाद से जस्टिस सिन्हा की बांग्लादेश सरकार से तकरार चल रही थी. इसी बीच 13 अक्टूबर को वे ऑस्ट्रेलिया चले गए. बांग्लादेश छोड़ने से पहले सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में 16वें संशोधन को मंजूरी न देने के बाद सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि मैं न्यायपालिका का संरक्षक हूं, न्यायपालिका के हित में मैं अस्थायी रूप से जा रहा हूं ताकि उसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचे. मैं वापस आऊंगा. सिन्हा ने कहा कि वह दृढ़ता से इस बात को मानते हैं कि हालिया फैसले को लेकर उनके रुख को सरकार ने गलत समझा जिससे प्रधानमंत्री शेख हसीना नाखुश हैं.
पांच जजों ने भी उठा दिए थे सवाल
इसके एक दिन बाद ही पांच अन्य वरिष्ठ जजों ने मुख्य न्यायाधीश सिन्हा पर मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं जैसे आरोपों के आधार पर उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था. बांग्लादेश सरकार ने 2014 में ही संविधान में 16वें संशोधन को मंजूरी दी थी. इसके तहत जजों को भी जांच के दायरे में लाया जा सकता था.
पाकिस्तान से की थी बांग्लादेश की तुलना
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रहते एसके सिन्हा अपने एक बयान को लेकर मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की तुलना पाकिस्तान से करने को लेकर उनकी आलोचना की थी. साथ ही उन पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया था.