दुनिया भर के रोमन कैथोलिक कार्डिनल मंगलवार से वैटिकन के सिस्टाइन चैपल में शुरू हो रहे सम्मेलन में जुटेंगे ताकि बेनेडिक्ट 16वें के ऐतिहासिक इस्तीफे के बाद नए पोप का चुनाव कर सकें.
ग्रीनविच समयानुसार 15 बजकर 45 मिनट पर सभी कार्डिनल गोपनीयता की शपथ लेंगे और इसके साथ ही दुनिया भर के 1.2 अरब कैथोलिक के लिए नए नेता के चुनने का सदियों पुराना रिवाज शुरू होगा.
पुनर्जागरण प्रतीकों और नियमों के अनुसार सम्मेलन के दौरान कार्डिनलों का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता है. कार्डिनलों के लिए चुनौती होगी कि वे ऐसे 266वें पोप का चुनाव करें जो चर्च से जुड़े मुद्दों का हल कर सकें. कार्डिनलों ने ऐसे सशक्त व्यक्तित्व पर जोर दिया है, जो चर्च की केंद्रीय सरकार ‘रोमन क्यूरिया’ में बदलाव ला सकें और पादरियों पर यौन-शोषण के लगे आरोपों तथा उसे दबाए जाने जैसे मुद्दों से निपट सकें.
पारदर्शिता की मांग को पिछले साल काफी बल मिला जब बेनेडिक्ट के सहायक रहे पाओलो गैब्रिल ने सैंकड़ों गोपनीय दस्तावेज लीक कर दिए थे. इससे क्यूरिया के अंदर चल रहे संघर्ष का खुलासा हुआ था और गैब्रिल के इस कदम को ‘वैटिलीक्स’ नाम दिया गया था. अगले पोप के एजेंडा में पादरियों के ब्रह्मचर्य की परंपरा और कृत्रिम गर्भ निरोध तथा समान लिंग के सदस्यों के बीच संबंध जैसे मुद्दे शामिल होंगे.
वैटिकन के अनुभवी पर्यवेक्षकों का मानना है कि अब भी मैदान खुला हुआ है. बेनेडिक्ट की जीवनी के लेखक और वैटिकन मामलों के इतालवी विशेषज्ञ मार्को पोलिती का कहना है कि मजबूत उम्मीदवार के रूप में अब तक कोई नाम नहीं उभरा है.