ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को ट्वीट कर दावा किया है कि उनको नई ब्रेक्जिट डील मिल गई है, जो उनके लिए बेहतरीन है. यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन के बीच पिछले काफी दिनों से इस डील को लेकर चर्चा चल रही थी, अब सभी मसले सुलझा लिए गए हैं. यूरोपियन कमिशन के प्रमुख जॉन जंकर ने भी ऐसा ही दावा किया है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को ट्वीट किया कि हमें नई ब्रेक्जिट मिली है, जो हमें ताकत वापस देगी. अब सिर्फ संसद को इस शनिवार को ब्रेक्जिट को मंजूरी देनी है, जिससे हम आगे की प्रक्रिया को पूरी कर सकें. बता दें कि बोरिस जॉनसन ने दावा किया था कि वह 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट डील को पूरा कर देंगे.
We’ve got a great new deal that takes back control — now Parliament should get Brexit done on Saturday so we can move on to other priorities like the cost of living, the NHS, violent crime and our environment #GetBrexitDone #TakeBackControl
— Boris Johnson (@BorisJohnson) October 17, 2019
यूरोपियन यूनियन के प्रमुख जॉन जंकर ने एक चिट्ठी में कहा है कि वह यूरोपियन यूनियन के 27 सदस्यों को चिट्ठी लिखेंगे कि इस डील को मंजूरी दें, क्योंकि अब वक्त आ गया है कि इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए.
बता दें कि नई डील के लिए ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी. ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच ये बड़ा समझौता ब्रसल्स के समिट से ठीक पहले हुआ है.
🇪🇺🤝🇬🇧 Where there is a will, there is a #deal - we have one! It’s a fair and balanced agreement for the EU and the UK and it is testament to our commitment to find solutions. I recommend that #EUCO endorses this deal. pic.twitter.com/7AfKyCZ6k9
— Jean-Claude Juncker (@JunckerEU) October 17, 2019
बीते दिनों बोरिस जॉनसन ने ब्रिटिश संसद को महारानी एलिज़ाबेथ संसद भंग करने के लिए खत लिखा था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था. लेकिन बाद में ये फैसला वापस हो गया था और गैरकानूनी निर्णय लेने के लिए बोरिस जॉनसन ने माफी भी मांगी थी.
बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालते ही ब्रेक्जिट डील का वादा किय़ा था. इतना ही नहीं बीच में उन्होंने बयान दिया था कि वह किसी भी डील को मंजूर नहीं करेंगे.
अब उनके पास सिर्फ 14 दिन हैं कि इस डील को पूरा करवा लें. अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट पूरा नहीं होता है, तो ये मामला 31 जनवरी, 2020 तक खिंच सकता है. ब्रेक्जिट डील ना होने के कारण ही थेरेसा मे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.