ब्राजील ने अमेजन के जंगलों में लगी भयानक आग को बुझाने के लिए G7 देशों की पेशकश ठुकरा दी है. ब्राजील के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मदद से इनकार करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कहा कि वह अपने घर और इलाके पर ध्यान दें. ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के चीफ ऑफ स्टाफ ओनिक्स लोरेन्जानी ने एक न्यूज चैनल से कहा कि हम मदद के पेशकश की सराहना करते हैं लेकिन शायद वे संसाधन यूरोप में दोबारा जंगल लगाने के लिए ज्यादा उपयुक्त होंगे.
Brazil rejects G7 aid to fight Amazon fires: AFP news agency
— ANI (@ANI) August 27, 2019
ओनिक्स ने यह बात तब कही जब G7 शिखर सम्मेलन में अमेजन के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए फ्रांस की ओर से 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद देने की पेशकश की गई. फ्रांस के बिआरित्ज में 26 अगस्त को खत्म हुए G7 सम्मेलन में दुनिया के बड़े नेताओं ने अमेजन के जंगलों में लगी आग से निपटने में ब्राजील की मदद करने का संकल्प जाहिर किया था.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि G7 शिखर सम्मेलन के नेता ब्राजील की मदद करने के लिए एक समझौते के करीब हैं. सम्मेलन में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा था कि आग पर काबू पाए जाने के बाद उनका देश और अन्य देश अमेजन में फिर से जंगल लगाने पर ब्राजील से बात करेंगे.
इनके अलावा, पोप फ्रांसिस ने भी आग को लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने लोगों से प्रार्थना करने की अपील की थी ताकि आग पर जल्द से जल्द काबू पाया जाए. अमेजन के जंगलों को धरती के लिए जरूरी बताते हुए पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर पर लोगों से कहा था कि अमेजन की आग को लेकर मैं बेहद चिंतित हूं.
अमेजन का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा ब्राजील में है. इस रेनफॉरेस्ट का एक बड़ा हिस्सा बोलीविया, कोलंबिया, इक्वाडोर, फ्रेंच गुएया, गुएना, पेरू, सूरीनाम और वेनेजुएला में भी है. इस आग से ये सभी देश प्रभावित हुए हैं. दक्षिणी अमेरिका के तटों तक यानी 2500 किमी से ज्यादा दूरी तक धुआं फैला हुआ है. देश में कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है.