भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत से पूरा देश शोक में है. तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में सीडीएस रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों का निधन हो गया. इस हादसे को लेकर मंथन शुरू हो चुका है और कई विशेषज्ञों ने इस त्रासदी भरी घटना पर अपनी राय सामने रखी है. इस मामले में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और हथियार नियंत्रण के मुद्दों के विशेषज्ञ, भू-रणनीतिकार और लेखक ब्रहमा चेलानी का एक ट्वीट काफी सुर्खियों में है. यहां तक कि चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
दरअसल, प्रोफेसर चेलानी ने सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट्स किए. उन्होंने इन ट्वीट्स के जरिए चीन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने वाले सीडीएस रावत और ताइवान के जनरल प्रमुख के हेलीकॉप्टर क्रैश को लेकर डरावनी समानताओं को उजागर किया. ग्लोबल टाइम्स ने चेलानी के ट्वीट्स में चीन का जिक्र होने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि उनके नजरिए के हिसाब से तो अमेरिका पर भी शक किया जा सकता है. इसके बाद प्रोफेसर चेलानी ने भी ग्लोबल टाइम्स को जवाब दिया.
'चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव के बीच सीडीएस रावत का जाना बहुत बड़ी क्षति'
प्रोफेसर चेलानी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि पिछले 20 महीनों में चीन के साथ बॉर्डर तनाव के चलते हिमालयी मोर्चे पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है और ऐसे समय में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में त्रासदी भरी मृत्यु की घटना इससे ज्यादा बुरे वक्त पर नहीं हो सकती थी.
'ताइवान के जनरल स्टाफ और भारत के सीडीएस की मृत्यु में भयावह समानताएं'
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि जनरल रावत की मृत्यु और ताइवान के जनरल स्टाफ के प्रमुख की मौत के बीच डरावनी समानताएं हैं. साल 2020 की शुरुआत में ताइवान के जनरल स्टाफ के प्रमुख, जनरल शेन यी-मिंग का हेलीकॉप्टर भी क्रैश हुआ था और दो प्रमुख जनरलों सहित सात लोगों की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी. इन दोनों ही हेलीकॉप्टर क्रैश में दोनों देशों के उन खास शख्सियतों की मृत्यु हुई जो चीन की आक्रामकता के खिलाफ काफी महत्वपूर्ण चेहरे थे.
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि इस अजीब समानताओं का ये मतलब नहीं है कि दोनों हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में कोई कनेक्शन है या किसी बाहरी ताकत का हाथ है. कुछ भी हो, प्रत्येक दुर्घटना ने देश के भीतर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के बारे में.
ग्लोबल टाइम्स ने कहा- 'इस लिहाज से सीडीएस रावत की मौत के पीछे अमेरिका का हाथ'
ग्लोबल टाइम्स ने चेलानी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कटाक्ष भरे अंदाज में लिखा कि इस नजरिए के हिसाब से तो अमेरिका की भी इस हेलीकॉप्टर क्रैश में भूमिका हो सकती है क्योंकि भारत और रूस, एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के साथ आगे बढ़ रहे हैं और अमेरिका ने इस डील को लेकर कड़ा विरोध जताया है.
प्रोफेसर चेलानी ने भी ग्लोबल टाइम्स के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि चीन का सरकारी मीडिया का मुखपत्र कैसे मेरे ट्वीट थ्रेड के जरिए गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहा है कि सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के पीछे अमेरिका का हाथ है क्योंकि भारत रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील कर रहा है. ये ट्वीट्स चीन के प्रशासन की भ्रष्ट मानसिकता को दर्शाते हैं.
चीन की आक्रामकता पर भारत का सार्वजनिक चेहरा बन गए थे सीडीएस रावत
इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रोफेसर चेलानी ने एक और ट्वीट करतेे हुए कहा कि स्पष्ट सोचने में सक्षम और साफ तौर पर अपनी बात रखने वाले जनरल रावत चीन की आक्रामकता पर भारत का चेहरा बन गए थे. जहां राजनीतिक नेतृत्व 'चीन' का नाम लेने से भी गुरेज करता रहा, वो सीडीएस रावत ही थे जो बिना लाग-लपेट के लोगों के सामने सच रखते थे. जनरल रावत की भरपाई करना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा.