तथा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अमन और शांति बनाए रखने की बात करते हैं.
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'आपस में विश्वास बनाया जाए'
सुन ने अपने वीडियो में भारत से जुड़े 5 बातों का उल्लेख किया. पहला, सहयोगी बनना चाहिए, दुश्मन नहीं. दूसरा, संघर्ष की तुलना में शांति स्थापित हो. तीसरा, सहयोग के साथ आगे बढ़ा जाए. चौथा, संदेह की जगह आपस में विश्वास बनाए रखा जाए और पांचवां, पीछे जाने की बजाए संबंधों को आगे की ओर ले जाया जाए.
चीनी राजदूत ने सीमा पर शांति बनाए रखने की बात करते हुए कहा कि सीमा पर बने गतिरोध को कम करने की कोशिश होनी चाहिए और पारस्परिक विकास के लिए सहयोग करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए.
'कोरोना से मिलकर लड़ें हम'
उन्होंने यह भी कहा कि आपसी समझौते और रजामंदी के बाद हमारे फ्रंट लाइन सैनिक विवादित क्षेत्र से हट रहे हैं.
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भारत के साथ व्यापारिक दोस्ती बनाए रखने को लेकर उन्होंने कहा कि चीन और भारत को विकास में भागीदार बनना चाहिए.
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कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत से आह्वान करते हुए चीनी राजदूत ने कहा कि भारत और चीन को एक दूसरे के साथ मिलकर साझा दुश्मन कोरोना महामारी से लड़ने की जरूरत है.
फिंगर-4 से भी पीछे हटी चीनी सेना
चीनी राजदूत का यह बयान उस समय आया है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव कम होता जा रहा है. गलवान घाटी के बाद चीनी सेना अब पैंगोंग के फिंगर-4 से भी पीछे हट गई है. सबसे पहले विवाद यहीं पर शुरू हुआ था जब 5-6 मई को दोनों देशों की सेनाएं फिंगर-4 पर ही सामने आई थी.
चीनी सेना ने आज शुक्रवार को फिंगर-4 से अपने बोट, गाड़ियां और बुलडोजर को हटा लिया है. चीनी सेना विवादित जगह से पीछे चली गई है. पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच बातचीत के बाद चीनी सेना लगातार पीछे जा रही है.
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समझौते के बाद सबसे पहले चीनी सेना गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वॉइंट-14 (पीपी 14) से पीछे हटी थी. यह वही जगह है, जहां 15 जून की रात दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. पीपी-14 से पीछे हटने के बाद चीनी सेना पेट्रोलिंग प्वॉइंट-15 और 17ए से भी पीछे हट गई थी. चीनी सेना गोगरा और हॉट स्प्रिंग से भी दो किलोमीटर पीछे चली गई है.