scorecardresearch
 

फ्रांस में 'Block Everything' प्रोटेस्ट क्या है? सड़कों पर एक लाख प्रदर्शनकारी, मुश्किल में मैक्रों

फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों ने बीत दिन ही सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. नए पीएम का स्वागत प्रोटेस्ट के साथ किया जा रहा है और Block Everything प्रोटेस्ट के तहत हजारों लोग सड़कों पर उतरकर बजट में कटौती, वर्कप्लेस कल्चर और सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं.

Advertisement
X
फ्रांस में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी (Photo: Reuters)
फ्रांस में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी (Photo: Reuters)

नेपाल में सोमवार से शुरू हुआ Gen-Z प्रदर्शन अभी खत्म नहीं हुआ है. इस बीच यूरोपीय देश फ्रांस में एक और राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू हुआ है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ फ्रांस के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और इस प्रोटेस्ट को 'Block Everything' नाम दिया गया है. एक तरफ मैक्रों ने बीते दिन सेबेस्टियन लेकोर्नू को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया, दूसरी तरफ उनके पदभार संभालते ही लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए.

फ्रांस की सड़कों पर चक्काजाम

फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़कों पर ट्रैफिक जाम के हालात बन गए हैं और कुछ ही घंटे में पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. स्कूलों और दफ्तरों में हड़ताल जैसे हालात बन गए. प्रदर्शन के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शिक्षण संस्थानों से लेकर अस्पतालों में काम बाधित हुआ है. 

ये भी पढ़ें: नेपाल के बाद अब फ्रांस में सरकार के खिलाफ बड़ा प्रोटेस्ट, सड़कों पर आगजनी और तोड़फोड़

'ब्लॉक एवरीथिंग' प्रोटेस्ट की अगुवाई एक विपक्षी लेफ्ट ग्रुप की तरफ से की जा रही है, जो मैक्रों की नीतियों का आलोचक रहा है. यह प्रोटेस्ट 39 साल के नवनिर्वाचित पीएम लेकोर्नु के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है, जो मैक्रों के करीबी हैं और पिछले तीन साल से फ्रांस के रक्षा मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं. 

Advertisement

मैक्रों के लिए मुश्किल दौर

मैक्रों ने मंगलवार देर रात लेकोर्नु को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, क्योंकि उनके पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बायरू संसद में विश्वास मत हार गए थे, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. बायरू और लेकोर्नु के बीच बुधवार को ऑफिशियल हैंडओवर हुआ है. लेकिन उसी दौरान फ्रांस में बवाल शुरू हो गया. लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आया जो मास्क लगाए हुए थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया है.   

गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने बुधवार को बताया कि करीब 50 नकाबपोश लोगों ने बोर्डो में नाकाबंदी शुरू की और कुछ जगह आगजनी भी की गई है. दक्षिण-पश्चिमी फ़्रांस में टूलूज़ और औच के बीच ट्रैफिक ठप हो गया. रिटेलो ने बताया कि पेरिस में भी कुछ प्रदर्शन हुए हैं. पेरिस पुलिस ने बताया कि सुबह के प्रदर्शनों में 75 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इन गिरफ्तारियों की वजह क्या थी.

फ्रांस के गृहमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 80 हजार से ज्यादा सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, जिनमें अकेले पेरिस में छह हजार जवानों की तैनाती शामिल है. रिटेलो ने बताया कि प्रदर्शन शुरू होने के कुछ ही घंटे में पूरे देश में 200 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं. फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक प्रदर्शन में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. बजट में कटौती, दफ्तरों में वर्क कल्चर और नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति को इस प्रदर्शन की वजह बताया जा रहा है.

Advertisement

क्या है ब्लॉक एवरीथिंग प्रोटेस्ट?

सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट्स के जरिए 'ब्लॉक एवरीथिंग' प्रोटेस्ट का आह्वान किया गया था. लेकिन देखते ही देखते हजारों लोग सड़कों पर उतरकर मैक्रों की नीतियों का विरोध करने लगे. कई शहरों में नाकेबंदी, हड़ताल और प्रदर्शन हुए हैं. ये सब ऐसे वक्त में हुआ जब राष्ट्रपति मैक्रों ने 12 महीने में अपना चौथा प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

nationwide all-day protest in france
फ्रांस में एक दिन का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन (Photo: Reuters)

फ्रांस पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता झेल रहा है. ऐसे में इस विरोध प्रदर्शन ने देश में सियासी उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है. प्रस्तावित बजट कटौती को लेकर मैक्रों सरकार के खिलाफ पहले से माहौल बना हुआ है. एक दिन के इस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन ने मैक्रों सरकार को सीधे तौर पर चुनौती दी है और यह इस बात का संकेत है कि आगे की राह आसान नहीं है.

क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

फ्रांस में जनता का गुस्सा तब और बढ़ गया जब पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू ने बजट में 50 अरब डॉलर से ज़्यादा की कटौती का प्रस्ताव रखा था. उनके प्रस्ताव में दो नेशनल हॉलिडे रद्द करना, 2026 में पेंशन पर रोक लगाना और हेल्थ सर्विस खर्च में अरबों डॉलर की कटौती करना शामिल था. इससे जनता के बीच व्यापक गुस्सा है, क्योंकि लोग इसे वर्क कल्चर के खिलाफ और अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं. साथ ही सरकार की ओर से मिलने वाली सेवाओं से वंचित करने आरोप लगा रहे हैं.

Advertisement

'येलो वेस्ट' की शक्ल लेगा प्रदर्शन?

इस आंदोलन को सीधे तौर पर कोई लीड नहीं कर रहा है, लेकिन लेफ्ट गुट की अपील के बाद इसकी शुरुआत हुई है. प्रदर्शनकारी बजट योजनाओं और आर्थिक असमानता की शिकायतों के साथ एकजुट हुए हैं. हालांकि प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हिंसा से बचने की अपील भी की गई है.

ये भी पढ़ें: पेरिस में मस्जिदों के बाहर मिले 9 सुअर के सिर... फ्रांसीसी प्रशासन ने शुरू की जांच

यह आंदोलन उस 'येलो वेस्ट' की याद दिलाता है जिसने राष्ट्रपति के रूप में मैक्रों के पहले कार्यकाल में चुनौती पेश की थी. इसकी शुरुआत फ्यूल टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध करने के साथ हुई थी, जिसमें प्रदर्शनकारी हाई-विज़िबिलिटी वेस्ट पहनकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. यह आंदोलन जल्द ही आर्थिक असामनता और मैक्रों के नेतृत्व से नाराज़ राजनीतिक, क्षेत्रीय और सामाजिक लोगों तक फैल गया, जिसमें हर उम्र के लोग शामिल हुए थे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement