प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिडनी से कैनबरा पहुंच गए हैं और यहां अपने पहले कार्यक्रम के तहत वह युद्ध स्मारक पहुंचे. मोदी ने युद्ध स्मारक पर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष टोनी एबॉट से मुलाकात की और उन्हें सिख बटालियन की धरोहर मान सिंह ट्रॉफी भेंट की.
ऑस्ट्रेलिया के चार शहरों की यात्रा के तीसरे चरण में मोदी सोमवार रात एयर इंडिया के विशेष विमान से कैनबरा पहुंचे. मोदी ने एबॉट को ट्रॉफी भेंट करने के साथ ही युद्ध स्मारक की आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किया. पीएमओ ने इस मौके की कई तस्वीरें ट्वीट की हैं.
PM @narendramodi at the War Memorial. pic.twitter.com/oLf8ZBc4bM
— PMO India (@PMOIndia) November 17, 2014
कैनबरा के इस युद्ध स्मारक का निर्माण पहले विश्वयुद्ध में अक्टूबर 1914 से मई 1917 तक मिस्र के गल्लीपोली, सिनई और मेसोपोटामिया में सेवा देने वाले बटालियन के सिपाहियों की याद में किया गया है.
PM @narendramodi at the War Memorial in Canberra. pic.twitter.com/PQ9xUbN9sF
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मान सिंह के नाम पर यह ट्रॉफी उनकी शरीरिक शक्ति और जुझारूपन के साथ सिपाही के गुण और पेशवर क्षमता को मान्यता प्रदान करते हुए पेश की. छह फुट और चार इंच लंबे सिंह को मजबूत व्यक्ति माना जाता था, जो बड़ी बाधाओं और खाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम माने जाते थे. ऐसा भी कहा जाता है कि वह 50 गज की दूरी से ग्रेनेड फेंक सकते थे. इस ट्राफी में कई अनोखी बाते हैं, जिसमें सिंह को गलत पैर में जूता पहने, झोला एक ही पट्टी से पीठ पर लटकाए, खाई में ग्रेनेड के स्थान पर गाढे दूध का डिब्बे और खुली मुद्रा में राइफल के बोल्ट को दर्शाया गया है.
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यह ट्रॉफी सिख रेजिमेंट को 1 सिख (अब 4 एमईसीएच आईएनएफ) ने सेवा के 125 वर्ष पूरे होने के मौके पर भेंट की थी. सभी सिख रेजिमेंट बटालियन के पास इस ट्रॉफी का कांसे का प्रतिरूप है.
-इनपुट भाषा से