बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. यह वारंट उस समय के कथित अपराधों से संबंधित है, जब देश में बड़े पैमाने पर छात्र आंदोलन हो रहे थे. शेख हसीना इस समय भारत में शरण ले रही हैं. जानकारी के अनुसार, इन आरोपों में हसीना पर छात्र प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है. बांग्लादेश की अदालत ने इन आरोपों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया है. वर्तमान में, शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, और यह मामला दोनों देशों के राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है.
सामने आया है कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने गुरुवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य शीर्ष अवामी लीग नेताओं, जिनमें पूर्व मंत्री और अधिकारी शामिल हैं, के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह वारंट जुलाई-अगस्त में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता के खिलाफ अपराधों से संबंधित है.
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एमडी गोलाम मुर्तुजा माजुमदार के नेतृत्व में यह आदेश जारी किया गया. ICT ने अभियोजन पक्ष द्वारा दायर दो याचिकाओं के आधार पर यह फैसला लिया, जिसमें शेख हसीना और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की गई थी. मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने द डेली स्टार को बताया कि न्यायाधिकरण ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि शेख हसीना और 45 अन्य को गिरफ्तार कर 18 नवंबर तक न्यायाधिकरण के समक्ष पेश किया जाए.
न्यायाधिकरण के सूत्रों के अनुसार, 46 लोगों में पूर्व मंत्री ओबैदुल कादर, असदुज्जमान खान कमाल, हसन महमूद और अनीसुल हक भी शामिल हैं. शेख हसीना और उनकी पार्टी के कई अन्य सदस्यों के खिलाफ ICT जांच एजेंसी में मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जांच एजेंसी और अभियोजन टीम पहले से ही इन शिकायतों की जांच शुरू कर चुकी है. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध (न्यायाधिकरण) अधिनियम 1973 में संशोधन के लिए एक मसौदा भी तैयार किया है.