अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान की यात्रा को लेकर अपने नागरिकों को सतर्क किया है. अमेरिका ने दोनों देशों के लिए लेवल टू और लेवल थ्री ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकों को आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा के चलते पाकिस्तान की यात्रा करने पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. इसके अलावा, भारत की यात्रा को लेकर भी अमेरिकी नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अपराध और आतंकवाद के चलते सावधानी बरतनी चाहिए.
भारत के लिए 15 नवंबर को जारी की गई एडवाइजरी में अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिकी नागरिकों से आतंकवाद और अशांति के चलते जम्मू-कश्मीर में यात्रा ना करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा इस एडवाइजरी में भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर भी संघर्ष के तहत यात्रा ना करने का आग्रह किया गया है.
'बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं आतंकी'
इस एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने रिपोर्ट किया है कि बलात्कार भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है. यौन उत्पीड़न जैसे हिंसक अपराध पर्यटन स्थलों और अन्य स्थानों पर देखने को मिले हैं. इसके अलावा, आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं और पर्यटन स्थलों, परिवहन केंद्रों, शॉपिंग मॉल और सरकारी ढांचे को भी निशाना बना सकते हैं.
इस नोटिस में ये भी कहा गया है कि अमेरिकी सरकार के पास पूर्वी महाराष्ट्र, उत्तरी तेलांगना और पश्चिमी बंगाल में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है क्योंकि अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों को इन क्षेत्रों में यात्रा करने के लिए विशेष अथॉरिटी की जरूरत पड़ती है.
'अमेरिका डिप्लोमैट्स पर पहले भी पाकिस्तान में हो चुके हैं हमले'
वहीं अमेरिकी नागरिकों को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की यात्रा ना करने का आग्रह भी किया है. इसमें पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (एफएटीए) भी शामिल है. इस एडवाइजरी में साफ किया गया है कि आतंकवाद और किडनैपिंग के चलते ये क्षेत्र सुरक्षित नहीं है. लाइन ऑफ कंट्रोल के क्षेत्र को भी असुरक्षित बताया गया है.
इस नोटिस में कहा गया कि आतंकवादी समूह पाकिस्तान में हमलों की साजिश रच रहे हैं. पाकिस्तान में आतंकवाद का इतिहास रहा है. चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंसा की विचारधारा के के कारण नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य और पुलिस ठिकानों पर अंधाधुंध हमले हुए हैं. यहां भी आतंकी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं. ये आतंकी परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटन स्थलों, स्कूलों, अस्पतालों, पूजा स्थलों और सरकारी सुविधाओं पर हमला बोल सकते हैं. इन आतंकियों ने पहले भी अमेरिका के डिप्लोमैट्स और अमेरिकी राजनयिक सुविधाओं पर हमला किया है.
इस ट्रैवल ए़डवाइजरी में कहा गया है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पिछले कुछ सालों में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए हैं जिसके चलते साल 2014 से पाकिस्तान के सुरक्षा माहौल में सुधार हुआ है. इस्लामाबाद जैसे प्रमुख शहरों में सुरक्षा संसाधन और बुनियादी ढांचे ज्यादा हैं. इन क्षेत्रों में सुरक्षा बल किसी भी आपातकालीन स्थिति में देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले अधिक आसानी से जवाब देने में सक्षम है. इस्लामाबाद जैसे शहरों में हमले दुर्लभ हैं लेकिन खतरे तब भी मौजूद हैं.