UNSC की आपात बैठक बुलाई गई ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स - फोर्डो, नतांज और इस्फहान - पर सफलतापूर्वक हवाई हमला किया है. ट्रंप के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने फोर्डो को प्रमुख रूप से निशाना बनाते हुए बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं. उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताया और कहा कि अब शांति का समय है. यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायल के सामने चिंता का विषय बना हुआ है.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका को अपनी आक्रामकता का जवाब जरूर मिलेगा. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी और इजरायली हमलों के बाद मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है. ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने हमारी संप्रभुता पर हमला किया है. यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है. अमेरिका को इसका सख्त और निर्णायक जवाब मिलेगा.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हवाई हमलों के बाद देश के भीतर खतरे का स्तर बढ़ गया है. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने रविवार को चेतावनी दी कि अब अमेरिका में बढ़े हुए खतरे का माहौल है. यह चेतावनी नेशनल टेररिज़्म एडवाइजरी सिस्टम के तहत जारी की गई है. विभाग ने कहा कि ईरान के साथ बढ़ते तनाव और सैन्य टकराव के कारण अमेरिका में आतंकी या साइबर हमलों की आशंका बढ़ गई है.
क्या कहा गया चेतावनी में?
प्रो-ईरानी हैक्टिविस्ट यानी ईरान समर्थक हैकरों द्वारा अमेरिकी नेटवर्क्स पर छोटे स्तर के साइबर हमले संभव हैं. ईरान सरकार से जुड़े साइबर ग्रुप भी साइबर अटैक कर सकते हैं. फिलहाल आतंक का कोई विशेष या समयबद्ध खतरा नहीं है, लेकिन हालात सतर्कता की मांग करते हैं.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा है कि अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के बावजूद ईरान के पास मौजूद संवर्धित (enriched) यूरेनियम सुरक्षित है और नष्ट नहीं हुआ है. सलाहकार का कहना है कि अमेरिका ने जो हमले किए, उनका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था, लेकिन ईरान की परमाणु क्षमताओं पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ा. उन्होंने यह भी साफ किया कि ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेगा.
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद कई अहम बातें स्पष्ट की हैं. Fox News और CBS News को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य ईरान में शासन परिवर्तन नहीं है और यह कोई युद्ध नहीं बल्कि एक संकीर्ण सैन्य ऑपरेशन था. उन्होंने कहा कि हमें चीन की ओर से इस हमले में किसी भी तरह की भागीदारी का कोई सबूत नहीं मिला है. हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि चीन को चाहिए कि वह ईरान को होर्मुज़ खाड़ी में संयम बरतने के लिए कहे.
ईरान की परमाणु स्थिति
रुबियो के अनुसार ईरान के पास इतना उच्च-स्तरीय संवर्धित यूरेनियम है जिससे वह 9 से 10 परमाणु बम बना सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास अब सब कुछ है जो एक परमाणु हथियार बनाने के लिए चाहिए. रुबियो ने दो टूक कहा कि ईरान, ट्रंप के साथ खेल नहीं खेल सकता. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने बातचीत का प्रस्ताव पहले ही दे रखा है और वह अब भी बरकरार है.
इज़रायली सेना ने रविवार को पुष्टि की कि उसकी वायुसेना के 30 फाइटर जेट्स ने ईरान के 4 शहरों में स्थित दर्जनों सैन्य ठिकानों पर भीषण बमबारी की है. इस हमले में 60 से अधिक आधुनिक बम और मिसाइलें इस्तेमाल की गईं. इज़रायली रक्षा बल (IDF) के मुताबिक यह हमला ईरान के मिसाइल लांचर साइट्स और ड्रोन (Unmanned Aerial Vehicles - UAV) यूनिट्स को निशाना बनाकर किया गया. हमला जिन प्रमुख क्षेत्रों में हुआ, उनमें इस्फाहान, बुशेहर, अहवाज और यज़्द शामिल हैं. बता दें कि इजरायल ने पहली बार यज्द क्षेत्र को निशाना बनाया है. IDF ने बताया कि यह कार्रवाई ईरान की ओर से बढ़ते सैन्य खतरे, ड्रोन और मिसाइल निर्माण क्षमताओं को कमजोर करने के उद्देश्य से की गई है.
इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने ईरान पर अमेरिकी और इज़रायली हमलों के बीच एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है. संगठन ने घोषणा की है कि वह एक मंत्री स्तरीय संपर्क समूह का गठन करेगा, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय पक्षों से नियमित संपर्क बनाएगा ताकि ईरान के खिलाफ हमलों को रोका जा सके, बढ़ते तनाव को कम किया जा सके और संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजा जा सके.
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने रविवार को एक आपात बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में ईरान पर इज़रायल के सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है और क्षेत्र में बढ़ते खतरनाक तनाव पर गहरी चिंता जताई है. इस्तांबुल में हुई इस अहम बैठक में OIC के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अमेरिका और इज़राइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया.
अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बाद मध्य पूर्व के खाड़ी देश हाई अलर्ट पर हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार तड़के पुष्टि की कि अमेरिकी सेनाओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को ‘ध्वस्त’ कर दिया है. यूएई, कतर और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों के नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई है. संयुक्त अरब अमीरात की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि इन नेताओं ने सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की है. सऊदी अरब ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है. बहरीन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मुख्य सड़कों पर जाने से बचें, क्योंकि किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका बनी हुई है.
क्या बढ़ेगा युद्ध का खतरा?
ईरान ने कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईरान ने प्रतिशोध में कोई हमला किया, तो पूरा क्षेत्र पूर्ण युद्ध की स्थिति में पहुंच सकता है, जिससे खाड़ी देशों, विशेषकर यूएई, कतर और सऊदी अरब में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को खतरा हो सकता है.
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल तेज हो गई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आज रात 12.30 बजे आपात मीटिंग होगी. इस बैठक की मांग ईरान, रूस और चीन सहित कई देशों ने की है. बैठक का एजेंडा अमेरिका द्वारा ईरान के फ़ोर्डो, नतांज़ और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों से जुड़े ताज़ा घटनाक्रमों पर चर्चा करना है.
जेडी वेंस ने कहा कि बीती रात का सैन्य ऑपरेशन अमेरिकी वायुसेना और सैन्यकर्मियों की अद्वितीय क्षमता और समर्पण का प्रमाण है. वेंस ने X पर लिखा कि बीती रात का ऑपरेशन अमेरिकी पायलटों और सैनिकों की बहादुरी और दक्षता का जीवंत उदाहरण है, जनरल डैन केन और जनरल कुरिल्ला से लेकर पूरी टीम तक. उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया भले ही राष्ट्रपति ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की आलोचना करता रहा हो, लेकिन यह ऑपरेशन बिना उनकी सटीक योजना और गोपनीयता के संभव नहीं था.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ईरान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर ईरान अमेरिका पर हमला करता है, तो उसे करारा जवाब मिलेगा. वेंस ने कहा कि हमने ईरान के राष्ट्र पर हमला नहीं किया है. हमने किसी भी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया. हमने उन तीन परमाणु हथियार सुविधाओं के अलावा किसी और सैन्य ठिकाने पर भी हमला नहीं किया.
ईरान पर हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे अगले दो सप्ताह में तय करेंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान पर हमलों में इजरायल का साथ देगा या नहीं. लेकिन दो दिन बाद ही उन्होंने व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम से मिशन की देखरेख करते हुए हमलों का आदेश दिया.
ईरान की मीडिया ने बताया कि रविवार को बुशेहर प्रांत में एक भीषण धमाके की आवाज़ सुनी गई, जो कि ईरान के एकमात्र परमाणु रिएक्टर का घर माना जाता है. ये रिपोर्ट समाचार एजेंसी AFP ने साझा की है. धमाके की खबर उस समय सामने आई है जब अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद पहला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत लंबे समय के लिए पीछे धकेल दिया है. और यह कार्रवाई अमेरिका की खुफिया एजेंसियों से मिली मजबूत सूचनाओं के आधार पर की गई.
उपराष्ट्रपति वेंस ने बताया कि ईरान पर हवाई हमला करने का अंतिम निर्णय बिल्कुल आखिरी क्षणों में लिया गया. उन्होंने कहा कि अमेरिका की इस कार्रवाई ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई वर्षों पीछे कर दिया है. वेंस ने स्पष्ट किया कि ट्रंप प्रशासन का ईरान में "बूट्स ऑन द ग्राउंड" यानी जमीनी सेना भेजने का कोई इरादा नहीं है. वेंस ने यह भी कहा कि अमेरिका ईरान से दीर्घकालिक समाधान के लिए बातचीत करना चाहता है, लेकिन किसी भी स्थिति के लिए तैयार भी है. उन्होंने कहा, “हम ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते. वेंस ने भरोसा जताया कि यह संघर्ष लंबा नहीं चलेगा और इसे बढ़ने से रोका जाएगा.
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की कार्रवाई उनकी संवैधानिक शक्तियों के अंतर्गत थी और इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई हल्के में नहीं ली. लेकिन यह कदम भविष्य में ईरान के साथ संबंधों को फिर से पटरी पर लाने और बातचीत का एक नया मौका भी प्रदान कर सकता है.
जेडी वेंस ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमने ईरान की उस क्षमता को खत्म कर दिया है जो उसे भविष्य में परमाणु हथियारों की दिशा में ले जा सकती थी. वेंस ने कहा कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया, बल्कि गहन चर्चा और खुफिया रिपोर्टों के आधार पर किया गया. उन्होंने संकेत दिया कि इस हमले के बावजूद अमेरिका कूटनीति के लिए रास्ता खुला रखना चाहता है.
मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ते तनाव और हालिया ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों आज शाम एक विशेष रक्षा कैबिनेट के साथ बैठक करेंगे. ये जानकारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन की ओर से दी गई है. बैठक में मध्य पूर्व की मौजूदा स्थिति पर गहन चर्चा होगी, जिसमें फ्रांस की सुरक्षा, रणनीतिक हित और संभावित कूटनीतिक कदमों पर विचार किया जाएगा. संभावना है कि इस बैठक में इंटेलिजेंस, सेना और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
ईरान पर हमलों के बीच इजरायली सेना ने स्पष्ट किया कि उसका मकसद अभी पूरा नहीं हुआ है और वह हमले जारी रखेगी. सेना की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि ईरान में और भी सैन्य लक्ष्य हैं जिन्हें नष्ट किया जाना बाकी है. इज़रायली रक्षा बलों (IDF) ने कहा कि हमारे पास ईरान में अन्य रणनीतिक लक्ष्य भी हैं और जब तक हम उन्हें पूरी तरह हासिल नहीं कर लेते, तब तक हमारी सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाज़ा पट्टी में शिन बेट (इज़रायली आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) और आईडीएफ (इज़रायली सेना) के संयुक्त अभियान में हमास द्वारा अगवा किए गए तीन इज़रायली नागरिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. ये तीनों 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकी हमले में किडनैप किए गए थे और बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी. नेतन्याहू ने कहा कि तीन इजरायली नागरिक जोनाथन समारनो, सार्जेंट शाय लेविंसन और ओफ़्रा केदार के शव बरामद किए गए हैं.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी, इन परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं. पूरे इज़रायल की जनता उनके दुख में शामिल है. मैं हमारे कमांडरों और सैनिकों का इस सफल ऑपरेशन के लिए धन्यवाद करता हूं. यह उनके साहस और संकल्प का प्रतीक है. उन्होंने यह भी कहा कि बंधकों को वापस लाने का अभियान लगातार जारी रहेगा, और यह प्रयास ईरान के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियान के साथ-साथ आगे बढ़ेगा. नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक अपने सभी बंधकों चाहे वे जीवित हों या मृत को घर वापस नहीं ले आते.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए कहा कि तेहरान पर किया गया अमेरिकी सैन्य हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी वॉशिंगटन के 'लॉ-लैस एडमिनिस्ट्रेशन' (कानूनविहीन प्रशासन) की है. उन्होंने कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा करता रहेगा और यह संघर्ष एकतरफा नहीं होगा. अराघची ने रविवार को इस्तांबुल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर एक बहुत बड़ी रेड लाइन पार की है. उन्होंने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का अपमान किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन किया है.
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने रविवार को बताया कि ऑपरेशन 'ट्रू प्रॉमिस 3' के तहत ईरान ने पहली बार अपनी थर्ड जेनेरेशन की 'खैबर-शेकेन' बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है. इस हमले में कुल 40 सॉलिड और लिक्विड फ्यूड से चलने वाली मिसाइलें दागी गईं.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने मिस्र के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि ईरान हमेशा समस्याओं का समाधान संवाद के जरिए करना चाहता था, लेकिन इजरायल ने हमारी सरजमीं पर हमला किया. हमने न तो युद्ध की शुरुआत की और न ही इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन अगर हमला जारी रहा तो ईरान पूरी ताकत से जवाब देगा.
ईरान की ओर से इजरायल पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. बीती रात के ईरानी हमले पिछले दिनों की तुलना में कहीं ज्यादा भीषण थे. इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इन हमलों में अब तक कुल 86 लोग घायल हो चुके हैं. लगातार बढ़ते हमलों के चलते इजरायल में दहशत और तनाव का माहौल बना हुआ है.
ईरान पर हवाई हमले के बाद अमेरिका अलर्ट हो गया है. जानकारी के मुताबिक, अमेरिका ने इराक में अपने दूतावास के कर्मचारियों की संख्या घटानी शुरू कर दी है. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए इराक में अमेरिकी राजनयिक मिशन ने अपने स्टाफ में और कटौती की है और यह प्रक्रिया फिलहाल जारी है.
इजरायली एयरलाइंस Israir ने मौजूदा हालात को देखते हुए 7 जुलाई तक सभी उड़ानों के लिए टिकटों की बिक्री अस्थायी रूप से रोकने का ऐलान किया है. ईरानी हमलों के कारण क्षेत्र में फैली अनिश्चितता के कारण यह फैसला लिया गया है.
ईरान के सर्गज, हॉर्मोजगान में रविवार सुबह 8:23 बजे रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. हॉर्मोजगान प्रांत के आपदा प्रबंधन निदेशक ने बताया कि यह भूकंप अहमदी जिले के हाजीबाद में महसूस किया गया.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ईरान से अपील की है कि वह बातचीत के मार्ग पर लौटे और इस संकट का समाधान कूटनीति के जरिए निकाले. उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना सबसे प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए. स्टार्मर ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि इसी खतरे को कम करने के लिए अमेरिका ने कार्रवाई की है.
इजरायल के कई शहरों में धमाके हो रहे हैं. ईरान ने तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट समेत कई अन्य ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है. इजरायली रेस्क्यू सर्विसेज के मुताबिक, इन हमलों में कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं. मध्य इजरायल में कई जगहों पर मिसाइल गिरने की घटनाएं सामने आई हैं.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले के बाद तेहरान भड़का हुआ है. ईरान ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते करते हुए 10 से ज्यादा शहरों पर मिसाइलें दागी हैं. इन शहरों में राजधानी तेल अवीव और हाइफा जैसे शहर भी हैं.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजरायल के कुछ शहरों में मिसाइलें दागी हैं. इजरायल के कई शहरों में इस समय लगातार सायरन की आवाजें सुनाई दे रही हैं. लोग लगातार बॉम्ब शेल्टर्स में पनाह ले रहे हैं.

अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल के कई शहरों में तेज धमाकों की आवाज सुनी गई है. तेल अवीव जैसे प्रमुख शहरों में लगातार लोगों को अलर्ट भेजकर सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने के लिए कहा जा रहा है और ब्लास्ट की आवाज सुनाई दे रही है.
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान ने कहा है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है और नागरिकों को रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है. हालांकि ट्रंप ने अपने संबोधन में इन हमलों को सफल करार दिया है और ईरान को शांति की तरफ कदम बढ़ाने के लिए कहा है.
ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, अमेरिका की ओर से प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद आसपास के इलाकों में रहने वाले नागरिकों को किसी तरह का खतरा नहीं है. इससे पहले ईरान ने धमकी देते हुए कहा था कि 'अमेरिका का हर नागरिक और सैनिक हमारे निशाने पर है'.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर रिसर्च साइट पर हमले में छह बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया. ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने हमलों के बाद जारी बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से दुश्मन की ओर से किए जा रहे बर्बर हमलों के क्रम में आज तड़के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में देश के परमाणु ठिकानों पर ईरान के दुश्मनों ने हमला किया. बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से परमाणु अप्रसार संधि (NPT), का खुला उल्लंघन है.
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने पुष्टि की है कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान सहित देश के तीन परमाणु ठिकानों पर दुश्मन ने हमले किए हैं. संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) पर उदासीनता और मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि ये हमले उस संस्था की निगरानी में हुए, जो परमाणु गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाती है. ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन हमलों की कड़ी निंदा करने की अपील की है और स्पष्ट किया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के विकास को किसी भी कीमत पर रुकने नहीं देगा.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका की ओर से ईरान पर की गई सैन्य कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इसे खतरनाक बढ़त और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सीधा खतरा करार दिया. गुटेरेस ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, आगे का रास्ता केवल और केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा.
ट्रंप ने ईरान से शांति स्थापित करने की अपील करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजरायली सेना को बधाई दी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अब भी शांति नहीं अपनाई तो भविष्य के हमले इससे कहीं ज्यादा भीषण होंगे. ट्रंप ने साफ कहा, 'या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश'. उन्होंने यह भी कहा कि आज रात जो टारगेट चुने गए थे, वे सबसे कठिन थे.
ईरान पर हवाई हमलों के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का मकसद ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और उसके परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करना था. पिछले 40 साल से ईरान अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है और कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं, इसलिए मैंने तय किया है कि अब यह सब और नहीं चलेगा.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने वाले ट्रंप के फैसले को 'इतिहास बदल देने वाला साहसिक कदम' बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं- 'शक्ति के जरिए ही शांति आती है.' पहले ताकत दिखाई जाती है, फिर शांति स्थापित होती है. नेतन्याहू ने कहा कि आज रात अमेरिका और ट्रंप ने पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की है.
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान के सरकारी टीवी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैन्यकर्मी ईरान के टारगेट पर है. यह बयान अमेरिका की ओर से बंकर बस्टर बम के इस्तेमाल के जवाब में आया है, जिससे क्षेत्र में हालात और अधिक गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है.
व्हाइट हाउस ने टेलीविजन नेटवर्क को अलर्ट किया है, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थोड़ी देर में देश को संबोधित करने वाले हैं. इस संबोधन में वह ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर किए गए स्ट्राइक के बारे में बता सकते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंब लोकल टाइम के मुताबिक रात 10 बजे देश को संबोधित करेंगे. भारतीय समयानुसार उनका संबोधन सुबह 7.30 बजे होगा.
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु साइट्स पर बी2 बॉम्बर्स से बम गिराने के बाद पश्चिम एशिया में अपने सभी सैन्य ठिकानों पर अधिकतम अलर्ट जारी किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हमने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और एस्फाहान शामिल हैं. सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं. प्राथमिक स्थल, फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया. सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं. हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई. दुनिया में कोई और सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी. अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद."