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NGO को पांच लाख डॉलर देकर भारत में 'सहिष्णुता' चाहता है अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो ने अपने नोटिस में कहा था कि वह अपने 4,93,827 डॉलर के कार्यक्रम के जरिए 'भारत में धर्म से प्रेरित भेदभाव एवं हिंसा को कम करना' चाहता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)

अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में गैर सरकारी संगठनों को करीब 5,00,000 डॉलर की हालिया घोषित आर्थिक मदद के जरिए वहां 'सामाजिक सहिष्णुता में वृद्धि' करना और भेदभाव एवं 'धर्म से प्रेरित हिंसा' को कम करना चाहता है.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उन संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया कराने की गुरुवार को घोषणा की थी, जो भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने के विचारों और परियोजनाओं के साथ आगे आ सकते हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो ने अपने नोटिस में कहा था कि वह अपने 4,93,827 डॉलर के कार्यक्रम के जरिए 'भारत में धर्म से प्रेरित भेदभाव एवं हिंसा को कम करना' चाहता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'इस कार्यक्रम का उद्देश्य धर्म से प्रेरित हिंसा और भेदभाव को कम करने के लिए नागरिक सुरक्षा में सुधार करना और सामाजिक सहिष्णुता बढ़ाना है. इस रकम से इस दिशा में काम करने वाली गतिविधियों को समर्थन दिया जाएगा.' उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए राशि अमेरिका की सरकारी विदेशी सहायता निधि से मुहैया कराई जाएगी.

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इस प्रकार के कार्यक्रम के तहत आर्थिक मदद प्राप्त करने वालों के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, 'हम कार्यक्रमों को लागू करने वालों के बारे में खुलासा नहीं करते.' उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक मदद प्राप्त करने वालों की घोषणा सफल आवेदकों की छंटनी के बाद की जाएगी.

NGO को पैसा देने के मामले में जानकारी जुटा रही सरकार

विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारत में धार्मिक सहिष्णुता को प्रोत्साहित करने के लिये गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को करीब 5 लाख डालर की धनराशि प्रदान करने की अमेरिका की घोषणा के संबंध में जानकारी जुटा रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी को भी ऐसी गतिविधि के लिये भारत के कानून का पालन करना होगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हमने इस मामले में रिपोर्ट देखी है. हम और ब्यौरा जुटा रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'किसी भी स्थिति में भारत में इस क्षेत्र में कोई भी गतिविधि चलाने के लिये किसी को भी यहां के नियमों का पालन करना होगा.' उन्होंने कहा कि इस मामले में और ब्यौरा प्राप्त होने के बाद ही वह और टिप्प्णी कर पायेंगे.

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