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World Bank के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए भारतीय मूल के अजय बंगा, US समेत कई बड़े देशों का समर्थन

विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष बनने के लिए भारतीय-अमेरिकी बिजनेस लीडर अजय बंगा तैयार हैं. इस पद के लिए वे एकमात्र उम्मीदवार हैं क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार को नामांकित ही नहीं किया गया है. औपचारिक रूप से नियुक्त किए जाने से पहले विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा बंगा का इंटरव्यू लिया जाएगा.

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अजय बंगा
अजय बंगा

भारतीय-अमेरिकी बिजनेस लीडर अजय बंगा विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार हैं क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार को नामांकित ही नहीं किया गया है. औपचारिक रूप से नियुक्त किए जाने से पहले विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा बंगा का इंटरव्यू लिया जाएगा. फरवरी में, राष्ट्रपति जो बिडेन ने घोषणा की थी कि अमेरिका विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए बंगा को नामांकित करेगा क्योंकि वह "इतिहास के इस महत्वपूर्ण क्षण" में वैश्विक संस्था का नेतृत्व करने के लिए सटीक हैं.

पद के एकमात्र उम्मीदवार बंगा का फॉर्मल इंटरव्यू बाकी
 
विश्व बैंक ने बुधवार को अपने अगले अध्यक्ष के नामांकन के लिए एक महीने की विंडो बंद कर दी, जिसमें 63 वर्षीय बंगा के अलावा कोई और विकल्प घोषित नहीं किया गया है. विश्व बैंक ने कहा कि बंगा विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए प्राप्त एकमात्र आवेदन है. बैंक ने कहा, "बोर्ड को एक नामांकन प्राप्त हुआ है और वह घोषणा करना चाहता है कि इस पद के लिए अमेरिकी नागरिक अजय बंगा पर विचार किया जाएगा." बैंक द्वारा जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है, "तय प्रक्रियाओं के अनुसार, कार्यकारी निदेशकों का बोर्ड वाशिंगटन डीसी में उम्मीदवार के साथ एक फॉर्मल इंटरव्यू आयोजित करेगा, और उम्मीद है कि इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए चयन समाप्त हो जाएगा."

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राष्ट्रपति जो बाइडन ने किया नोमिनेट

बैंक ने बंगा के इंटरव्यू के समय की घोषणा नहीं की है. मास्टरकार्ड इंक के पूर्व प्रमुख, बंगा वर्तमान में जनरल अटलांटिक में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. विश्व बैंक के एक नए अध्यक्ष के मई की शुरुआत तक चुने जाने की उम्मीद है. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने बुधवार को कांग्रेस की सुनवाई में सांसदों से कहा "अगले कुछ महीनों में, आप देखेंगे कि विश्व बैंक एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रपति बाइडन के नामित अजय बंगा विश्व बैंक के अध्यक्ष चुने जाएंगे. " येलेन ने कहा “उन पर 21वीं सदी की चुनौतियों को बेहतर ढंग से संबोधित करने के लिए संस्था को विकसित करने के लिए हमारी प्रगति में तेजी की जिम्मेदारी होगा. यह डेवलप्मेंट बैंक को उसके महत्वपूर्ण गरीबी उन्मूलन और विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा" .

होंगे IMF या वर्ल्ड बैंक के लिए पहले भारतीय-अमेरिकी व सिख-अमेरिकी प्रमुख

गौरतलब है कि यदि उनकी नियुक्ति हो जाती है, तो बंगा दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख-अमेरिकी बन जाएंगे. बंगा के विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष डेविड मलपास की जगह लेने की उम्मीद है, जो अपना कार्यकाल समाप्त होने से लगभग एक साल पहले जून में ही अपना पद छोड़ देंगे.

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बंगा के समर्थन को तैयार नहीं चीन

बताते चलें कि जलवायु कार्रवाई के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता और जलवायु परिवर्तन पर उनके व्यक्तिगत विचारों को लेकर डेविड मलपास को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. इधर, पिछले हफ्ते, रिपोर्टें सामने आईं कि चीन ने बंगा का समर्थन करने के बारे में यह कहते हुए संदेह व्यक्त किया,  कि वह योग्यता के आधार पर "अन्य संभावित उम्मीदवारों" का समर्थन कर सकता है.

बड़े देशों, 4 नोबेल प्राइज विजेताओं सहित 55 अधिवक्ताओं का समर्थन

हालांकि, बंगा को भारत सहित दुनिया भर के प्रमुख देशों से भारी समर्थन मिला है. बंगा के नामांकन के बाद उन्होंने समर्थन के लिए कई देशों की यात्रा भी की है. इसके अलावा विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष के रूप में बंगा के नामांकन का स्वागत और समर्थन करने के लिए चार नोबेल पुरस्कार विजेताओं सहित 55 अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, अधिकारियों, दिग्गजों और पूर्व सरकारी अधिकारियों के गठबंधन ने एक खुला पत्र लिखा है.

बंगा का नजरिया अनूठा: बाइडेन

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि भारत में पले-बढ़े, बंगा का विकासशील देशों के सामने मौजूद अवसरों, चुनौतियों, गरीबी को कम करने और समृद्धि का विस्तार करने के अपने महत्वाकांक्षी एजेंडे को कैसे पूरा कर सकता है, इस पर एक अनूठा नजरिया है.

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कौन हैं अजय बंगा? 

63 वर्षीय अजय बंगा, एक भारतीय-अमेरिकी हैं जो फिलहाल इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक में वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं. उनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. अजय बंगा की स्कूलिंग हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई है. तब उनके पिता हरभजन सिंह बंगा सेना में अफसर थे और 1970 में हैदराबाद में ही तैनात थे. स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाख‍िला लिया. डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बैचलर डिग्री प्राप्त की इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अहमदाबाद (IIM) से प्रबंधन की पढ़ाई की.

1981 में नेस्ले शुरू किया हुआ बिजनेस करियर 

1996 में सिटीग्रुप में शामिल होने से पहले बंगा ने साल 1981 में नेस्ले से अपने बिजनेस करियर की शुरुआत की थी. भारत के साथ 13 साल तक काम किया और पेप्सिको में भी दो साल बिताए. इसके अलावा उन्होंने अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और Dow Inc. में काम किया है. उनकी सामाजिक विकास के मुद्दों में गहरी दिलचस्पी है. उन्होंने पहले एंटरप्राइज कम्युनिटी पार्टनर्स और नेशनल अर्बन लीग के ट्रस्टियों के बोर्ड में काम किया और न्यूयॉर्क हॉल ऑफ साइंस के ट्रस्टी बोर्ड के वाइस चेयरमैन थे. वह आर्थिक शिक्षा परिषद के निदेशक भी थे. इसके अलावा, 2005 से 2009 तक, उन्होंने दुनिया भर में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में सिटी की रणनीति का नेतृत्व किया.

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पद्म श्री से सम्मानित हैं बंगा

बंगा ने मध्य अमेरिका के लिए साझेदारी के सह-अध्यक्ष के रूप में उपराष्ट्रपति हैरिस के साथ भी मिलकर काम किया है. उन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उम्मीद की जा रही है कि बंगा एक महत्वपूर्ण समय में गरीबी-विरोधी ऋणदाता की बागडोर संभालेंगे, क्योंकि अमेरिका और पश्चिमी देश जलवायु परिवर्तन जैसे व्यापक वैश्विक मुद्दों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुधारों पर जोर दे रहे हैं.

कैसे होता है विश्व बैंक के अध्यक्ष का चयन

विश्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित क्राइटेरिया को पूरा करना चाहिए: 

-विश्व बैंक के अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार बैंक के सदस्य देशों के नागरिक होने चाहिए.  
- लीडरशिर और अचीवमेंट का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड, खासकर डेवलप्मेंट में.
-अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के साथ बड़ी ऑर्गेनाइजेशन के मैनेजमेंट का अनुभव, और सार्वजनिक क्षेत्र से परिचित होना.
-विश्व बैंक समूह के विकास मिशन की दृष्टि को स्पष्ट करने की क्षमता. 
- प्रभावी संचार और कूटनीतिक कौशल, स्थिति की जिम्मेदारियों के प्रदर्शन में निष्पक्षता .

 

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