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इमरान ने की तालिबान के समर्थन में बैटिंग, कहा- उन्हें प्रोत्साहित करो वो वादे पूरे करेंगे

द वाशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक इमरान खान ने इस बात पर जोर दिया है कि तालिबान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उनकी नजरों में अगर तालिबान को दुनिया द्वारा मदद दी जाएगी, फिर चाहे वो आर्थिक हो या फिर दूसरी, ऐसा होने से तालिबान भी अपने वादों को पूरा करने के लिए बाध्य रहेगा.

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पाक पीएम इमरान खान
पाक पीएम इमरान खान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इमरान खान का तालिबान को समर्थन
  • 'उन्हें प्रोत्साहित करो वो वादे पूरे करेंगे'

अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी सरकार जरूर बना ली है लेकिन उसकी सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया है. महिलाओं के प्रति अभी भी तालिबान की वही 1996 वाली सोच है. उन पर तमाम तरह की बंदिशें लगाई जा रही हैं. लेकिन इतना सबकुछ होने के बाजवूद भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान के समर्थन में खुलकर बैटिंग कर रहे हैं. वे अभी भी इस सरकार पर पूरा भरोसा जता रहे हैं.

इमरान खान का तालिबान को समर्थन

द वाशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक इमरान खान ने इस बात पर जोर दिया है कि तालिबान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उनकी नजरों में अगर तालिबान को दुनिया द्वारा मदद दी जाएगी, फिर चाहे वो आर्थिक हो या फिर दूसरी, ऐसा होने से तालिबान भी अपने वादों को पूरा करने के लिए बाध्य रहेगा.

इमरान खान ने कहा है कि तालिबान अपने वादों को पूरा तभी कर पाएगा जब उसे दुनिया द्वारा विकास कार्यों में सहयोग दिया जाएगा. अगर तालिबान को सरकार चलाने के लिए लगातार मदद मिलती रहेगी, वो अपने वादे पूरा कर पाएगा. इमरान की नजरों में ऐसा होने पर दुनिया द्वारा तालिबान पर एक दबाव भी बनाया जा सकता है. उन्हें समावेशी रूप से सरकार चलाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

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दुनिया से अपील- अफगानिस्तान को अकेला ना छोड़ें

पाकिस्तानी पीएम के मुताबिक अगर इस मुश्किल समय में अफगानिस्तान को उसके हाल पर छोड़ दिया गया तो फिर वहां पर बड़े स्तर पर पलायन हो सकता है, अराजकता बढ़ सकती है और आतंकवाद भी सक्रिय हो जाएगा. इमरान खान की माने तो इस परिस्थिति से तभी बचा जा सकता है जब तालिबान का सहयोग किया जाए. उसे उसके वादे पूरे करने के लिए संसाधन दिए जाएं.

वहीं क्योंकि अभी पूरी दुनिया अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के लिए पाकिस्तान को भी जिम्मेदार मानती है, ऐसे में इस बार इमरान खान ने अपने देश का बचाव किया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि इस जंग में उनके देश ने अमेरिका का साथ दिया था और उस वजह से पाकिस्तान की धरती पर कई आतंकी हमले हुए. इमरान खान के मुताबिक साल 2006 से 2015 के बीच पाकिस्तान के ऊपर छोटे-बड़े 16,000 आतंकी हमले किए गए थे.

 

 

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