अफगानिस्तान में तालिबान संकट के बढ़ते ही अमेरिका की भी किरकिरी होनी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि एक महाशक्ति ने मुश्किल समय में दूसरे देश का साथ छोड़ दिया. अब अफगानिस्तान में ऐसी स्थिति है कि हर देश अपने लोगों जल्द से जल्द रेस्क्यू करने में लगा हुआ है. इस काम में अमेरिका के फाइटर जेट भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
तालिबान संकट के बीच सक्रिय अमेरिकी फाइटर जेट
अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम हैंक टेलर ने बताया है कि उनकी तरफ से अब तक 7000 लोगों का अफगानिस्तान से सफल रेस्क्यू कर दिया गया है. इस काम में अमेरिका के F-18 फाइटर जेट लगे हुए हैं और लगातार रेस्क्यू को तेज किया जा रहा है. जानकारी मिली है कि अभी काबुल एयरपोर्ट एकदम सुरक्षित है और वहां से फ्लाइट का आना-जाना जारी रह सकता है. इसी वजह से तमाम देश लगातार काबुल एयरपोर्ट पर अपने विमानों को भेज रहे हैं और वहां से हजारों लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं.
काबुल में मौजूद 5,200 अमेरिकी सैनिक
खबर तो ये भी है कि अभी काबुल में सभी अमेरिकी सैनिक छोड़कर नहीं गए हैं. कुल 5,200 सैनिक अभी भी जमीन पर काम कर रहे हैं. लेकिन वर्तमान में उनकी उपस्थिति से जमीन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि तालिबान ने हर तरफ अपना कब्जा जमा लिया है और अफगान सैनिकों का भी सरेंडर हो चुका है. वैसे अब सिर्फ अमेरिका की तरफ से ही रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया जा रहा है. भारत भी अपने निवासियों के लिए ऑपरेशन एयरलिफ्ट चला रहा है. केंद्र सरकार परिस्थिति की लगातार समीक्षा कर रही है और जोर देकर कह रही है कि सभी भारतवासियों की जल्द वतन वापसी करवाई जाएगी.
भारत का भी रेस्क्यू जारी
इसी कड़ी में कुछ दिन पहले केंद्र की तरफ से कहा गया था कि अफगान में मौजूद हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को भारत शरण देने को तैयार है. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा इस सिलसिले में अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दे दिए गए हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में भारत द्वारा चलाया जा रहा ये रेस्क्यू ऑपरेशन और बड़ा रूप लेने वाला है.