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भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान! सितंबर अंत तक खत्म हो जाएगा खाद्य भंडार

यूएन अधिकारी Ramiz Alakbarov ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान की एक तिहाई आबादी भयंकर भुखमरी से जूझ रही है. सर्दी आने वाली है, सूखा पड़ा हुआ है, ऐसे में लोगों को खाना देने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी.

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भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान
भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान
  • एक तिहाई आबादी भयंकर भुखमरी से जूझ रही
  • सितंबर अंत तक खत्म हो जाएगा खाद्य भंडार

अफगानिस्तान में स्थिति बद से बदतर होने जा रही है. तालिबान तो अपना राज स्थापित करने ही जा रहा है, इसके अलावा ये देश अब भयंकर भुखमरी का भी शिकार हो गया है. हालात इतने खराब हैं कि अगर समय रहते फूड सप्लाई नहीं हुई तो सितंबर अंत तक अफगानिस्तान का खाद्य भंडार समाप्त हो सकता है.

भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान

यूएन अधिकारी Ramiz Alakbarov ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान की एक तिहाई आबादी भयंकर भुखमरी से जूझ रही है. सर्दी आने वाली है, सूखा पड़ा हुआ है, ऐसे में लोगों को खाना देने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी. कहा गया है कि इस मुश्किल समय में यूएन की तरफ से हजारों अफगानों को खाना खिलाया जा रहा है.

लेकिन कुल USD 1.3 बिलियन मदद में से सिर्फ 39% ही लोगों तक पहुंच पाई है. इसी वजह से अब ये डर सताने लगा है कि सितंबर के अंत तक अफगानिस्तान का खाद्य भंडार खत्म हो जाएगा. ऐसा होने पर तालिबान के खौफ से ग्रसित अफगानिस्तान और गहरे दलदल में गिर जाएगा.

अब इस समय आने वाली तालिबानी सरकार के सामने सिर्फ भुखमरी की ही समस्या नहीं खड़ी है. पिछली गनी सरकार ने कई अधिकारियों की सैलरी भी रोक रखी है. कई ऐसे कर्मचारी हैं जो कई महीनों से बिना वेतन लिए बैठे हैं. ऐसे में एक दबी-कुचली अर्थव्यवस्था में से उन कर्मचारियों की सैलरी निकालना भी बड़ी चुनौती होने वाला है.

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तालिबान के सामने बड़ी चुनौती

अभी के लिए आने वाली तालिबान सरकार को विदेशी फंड्स पर काफी निर्भर करना पड़ेगा. अब वो फंड्स भी उसे तब मिलेंगे जब उसकी तरफ से अपने वादों को समय रहते पूरा किया जाएगा. जब उसकी तरफ से महिलाओं को पूरा सम्मान और अधिकार दिए जाएंगे. जब वो अपनी धरती को आतंकवाद का गढ़ बनने से रोक पाएगा. अगर ये सब करने में तालिबान कामयाब रहा, तो इस डूबते अफगानिस्तान की विदेश से मदद की आस जरूर बढ़ जाएगी. लेकिन अभी स्थिति चिंताजनक है जो आने वाले दिनों और ज्यादा  खराब होती दिखाई पड़ रही है.


 

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