संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इस बात पर खेद जताया है कि ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बीच विवादित परमाणु मुद्दे के समाधान के लिए कोई सहमति नहीं बन पाई है. इसके साथ ही उन्होंने इस लम्बित समस्या के कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है.
बान ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा है, 'यह खेदजनक है कि ईरान सभी लम्बित मुद्दों को सुलझाने की किसी योजना पर आईएईए के साथ सहमति नहीं बना पाया है.' बान ने यह बयान आईएईए द्वारा ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर शुक्रवार को जारी ताजा तिमाही रपट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दिया है.
आईएईए की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अपने पारचिन सैन्य परिसर के निरीक्षण में रुकावट डाल रहा है. संदेह है कि इस परिसर को संदिग्ध परमाणु हथियार विकसित करने में इस्तेमाल किया जा रहा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईरान ने यूरेनियम सम्वर्धन की अपनी क्षमता बढ़ाकर दोगुनी कर ली है. लेकिन इसके विकास का उद्देश्य अस्पष्ट है. ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और वह अपने इस अधिकार को नहीं छोड़ेगा.