पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि उसके यहां मुंबई हमले को लेकर चल रही सुनवाई के विलंब के लिए भारत जिम्मेदार है.
गुटनिरपेक्ष देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंची पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि सुनवाई को आगे बढ़ाने के लिए कुछ जरूरतों को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने बयां किया था.
बशीर ने कहा था कि पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की ओर से भारतीय गवाहों के साथ जिरह की जरूरत है.
हिना रब्बानी ने कहा, ‘हम इसका जवाब नहीं देते और पाकिस्तानी के लोगों को अपनों तक पहुंच की इजाजत नहीं देते और फिर उम्मीद करते हैं इस मामले में आगे बढ़ाया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘अगर दोनों पक्ष आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो मेरा मानना है कि हमें अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए. मैं आपको भरोसा दिला सकती हूं कि पाकिस्तान इससे आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है और दोनों देशों के बीच किसी भी मुद्दे पर ऐसा करने को प्रतिबद्ध है.’
हिना रब्बानी खार की ओर से दिए गए इस बयान से पहले विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने अजमल कसाब की सजा को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के संदर्भ में पाकिस्तान का ध्यान इस ओर खींचा था.
कृष्णा ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि पाकिस्तान इस पर विचार करने में नाकाम नहीं रहेगा.’
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि मुंबई हमला और समझौता बम विस्फोट दो बिल्कुल अलग-अलग मामले हैं तथा 26/11 को लेकर इस्लामाबाद को खुद को पाक-साफ साबित करना होगा.
भड़काउ एमएसएस और वीडियो के मुद्दे पर भारत के आरोपों को लेकर पाकिस्तान ने निराशा जतायी. खार ने कहा कि ऐसे मुद्दों से निबटने के लिए अधिक परिपक्तवता की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि ऐसे संदेहों पर दोनों सरकारों के अधिकारियों को सीधे तौर पर बातचीत करनी चाहिए थी.
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि यह मुद्दा मीडिया के जरिए पाकिस्तान पहुंचा. उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया को अधिक सकारात्मक होना चाहिए