जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए अब रूस भी आगे आया है. रूस ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और दूसरे विदेशी नागरिकों को निकालने की व्यवस्था करेगा. इसके लिए 130 बसों की भी व्यवस्था की गई है. ये बसें यूक्रेन के खारकीव और सुमी इलाके से लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें रूस के बेलगोरोड इलाके में ले जाएंगी. यहां से नागरिकों को उनके देश पहुंचा दिया जाएगा.
रूसी एजेंसी टास के मुताबिक, यूक्रेन से लाए जाने वाले विदेशी नागरिकों के रहने की व्यवस्था फिलहाल सीमा पर स्थित चेक पॉइंट पर ही की गई है. उन्हें यहां खाना, मेडिकल व्यवस्था भी मुहैया कराई जाएगी. यहां से हवाई जहाज के जरिए उन्हें अपने देश पहुंचाया जाएगा.
बता दें कि 2 मार्च को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी. इस दौरान भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने को लेकर भी चर्चा हुई थी. इससे पहले 1 मार्च को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया था कि 8 हजार भारतीय फिलहाल यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र हैं
यूक्रेन के 5 पड़ोसी देशों के संपर्क में भारत
2 मार्च को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए रूस और यूक्रेन के अलावा 5 और देशों के संपर्क में है. यूक्रेन की सीमा से लगने वाले पोलैंड, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्डोवा के रास्ते भी भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा.
पुतिन ने लगाया था जेलेंस्की पर आरोप
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 मार्च को यूक्रेन पर विदेशी नागरिकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया था. पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन की सेना विदेशियों को बंधक बनाकर उन्हें ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है. पुतिन ने दावा किया था कि 3 हजार भारतीयों को बंधक बनाया गया था, जिसे रूस की सेना ने रिहा कराया है. उन्होंने कहा था कि चीन के लोगों को भी यूक्रेन ने बंधक बनाया था. पुतिन ने सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक के बाद ये बातें कही थीं. पुतिन ने ये भी कहा था कि यूक्रेन के रिहाइशी इलाकों में रूस की ओर से कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जा रही है.