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चीन के पतन का कारण बन सकता है भ्रष्टाचार: जिनताओ

चीन ने दशक में एक बार होने वाली नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया वर्तमान राष्ट्रपति हू जिनताओ की इस चेतावनी के साथ शुरू हुई कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में भ्रष्टाचार देश पर उसकी 63 साल की पकड़ के लिए घातक साबित होगा.

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चीन ने दशक में एक बार होने वाली नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया वर्तमान राष्ट्रपति हू जिनताओ की इस चेतावनी के साथ शुरू हुई कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में भ्रष्टाचार देश पर उसकी 63 साल की पकड़ के लिए घातक साबित होगा.

हू ने पार्टी की कांग्रेस में अपने मुख्य संबोधन में कहा, ‘यदि हम इस मुद्दे से ठीक से निपटने में विफल रहे तो यह पार्टी के लिए घातक हो सकता है और यहां तक कि पार्टी के पतन और देश के पतन का कारण बन सकता है.’ वह राष्ट्रपति और सीपीसी के महासचिव पद से हट जायेंगे.

गुरुवार को यहां ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में यह महत्वपूर्ण बैठक शुरू हुई जो सप्ताह भर चलेगी और उसमें देशभर से चुने गए 2270 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. मार्क्‍सवादी विचारधारा में निष्ठा रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के अंतर्गत देश में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को लेकर कहीं जन प्रदर्शन न हो जाए, इस बात को ध्यान में रखकर सभा स्थल के आसपास अप्रत्याशित सुरक्षा व्यवस्था की गयी है.

हू के नेतृत्व में पिछले दशक में चीन दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा. हालांकि भ्रष्टाचार सत्तारूढ़ दल को असहज स्थिति में डालने वाला मुख्य मुद्दा बन गया और उसने देश की तीव्र वृद्धिदर को कमतर कर दिया जबकि उस वृद्धिदर की वजह से 1.3 अरब चीनियों का जीवनस्तर सुधरा है. उन्होंने अपने डेढ़ घंटे के भाषण में कहा कि पार्टी को हमेशा ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने, भ्रष्टाचार के बड़े मामलों की व्यापक जांच कराने में सख्त रूख अपनाना चाहिए.

हू ने कहा, ‘जो भी पार्टी अनुशासन और देश के कानूनों का उल्लंघन करता है, वह चाहे कोई भी हो और चाहे कितने भी शक्तिशाली पद पर क्यों न बैठा हो, बिना किसी दया के उसे कानून के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘सभी स्तरों पर प्रमुख अधिकारियों खासकर उच्च स्तरीय अधिकारियों को स्वच्छ शासन को लेकर आचार संहिता का पालन करना चाहिए सभी महत्वपूर्ण मामलों का रिपोर्ट करना चाहिए.’ देश में भ्रष्टाचार ने महामारी का रूप ले लिया है और कई उच्च स्तरीय अधिकारियों को कठोर सजा हुई है. देश और पार्टी हाल के अतीत में शीर्ष नेताओं के बड़े घोटालों से हिल गयी है. बदनाम नेता बो जिलाई और पूर्व रेलमंत्री लिउ झिजुन को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया. कांग्रेस से पहले पार्टी न्यूयार्क टाइम्स की इस खोजी खबर से हिल गयी कि प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के परिवार ने उनके 10 साल के शासन काल के दौरान 2.7 अरब डॉलर की संपत्ति जमा कर ली. पार्टी ने वेन के अनुरोध पर ही जांच गठित की.

इससे पहले ब्लूमबर्ग संवाद समिति ने उपराष्ट्रपति शी जिनपिंग के परिवार भी इसी तरह संपति जमा करने का आरोप लगाया जो बतौर राष्ट्रपति और पार्टी प्रमुख हू से कमान संभालने जा रहे हैं. कट्टरपंथी बो शिलाई के पार्टी से बाहर होने के बाद पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि सुचारू तरीके से सत्ता हस्तांतरण योजना बनायी गयी है जिसके तहत उप राष्ट्रपति शी जिनपिंग हू के उत्तराधिकारी होंगे और राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के साथ ही पार्टी महासचिव पद भी ग्रहण करेंगे. उप प्रधानमंत्री ली केकियांग वेन का स्थान लेंगे.

सात या नौ सदस्यीय स्थायी समिति, 24 सदस्यीय पोलित ब्यूरो और 365 सदस्यीय केंद्रीय समिति की घोषणा कांग्रेस के अंत में की जाएगी. चौदह नवंबर को कांग्रेस के समापन अवसर पर नयी पंक्ति के नेताओं के नामों की घोषणा की जाएगी. सीपीसी की बैठक बो शिलाई कांड की पृष्ठभूमि और अर्थव्यवस्था की गिरती विकास दर के बीच हो रही है. अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.4 फीसदी तक गिर गयी है जो तीन साल पहले करीब 12 फीसदी होती थी.

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