सत्ता से बेदखल हो चुके बेंजामिन नेतन्याहू से भी ज्यादा दक्षिणपंथी और आक्रामक यहूदी राष्ट्रवाद की वकालत करने वाले नेफ्टाली बेंजामिन के इजरायल के प्रधानमंत्री बनने पर कई अरब देशों ने स्वागत किया है, वहीं कुछ देशों का कहना है कि सरकार बदलने से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा. इजरायल के नए विदेश मंत्री यायर लैपिड अरब देशों के साथ राजनयिक संबंधों के मामले में आगे बढ़ने के संकेत दिए हैं.
(फोटो-AP)
ईरान ने इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई होने पर खुशी जताई है. नेतन्याहू ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बेहद आक्रामक थे. एक बयान में नेतन्याहू ने ये भी कहा था कि ईरान के परमाणु खतरे को रोकने के लिए वह अमेरिका से भी टकराव मोल लेने के लिए तैयार हैं. ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ ने कहा कि नेतन्याहू के जाने के बाद उनके उत्तराधिकारियों को इससे सबक लेना चाहिए. ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए एक बयान में कहा गया, ईरान के दुश्मन चले गए लेकिन ताकतवर ईरान अब भी मौजूद है. हालांकि, नई सरकार आने के बाद इजरायल की राजनीति बहुत बदलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन ने सोमवार को नई इजरायली सरकार का स्वागत किया. यूएई और बहरीन के इस रुख से साफ है कि ट्रंप प्रशासन की अगुवाई में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुए समझौते पर ये मुस्लिम देश आगे बढ़ना जारी रखेंगे. अमीराती विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, "संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद ने सोमवार को इजरायल के नए विदेश मंत्री यायर लैपिड के साथ "आपसी सहयोग और अब्राहम समझौते" पर चर्चा की. यूएई के विदेश मंत्री ने इजरायल के अपने नए समकक्ष यासिर लैपिड को बधाई दी.
HH Sheikh Abdullah bin Zayed has discussed mutual cooperation and Abrahamic Accords over a phone call with the new Israeli FM@yairlapid @OFMUAE @MoFAICUAE@ABZayed@UAEinIsrael#UAEinIsrael pic.twitter.com/NMvgibsdm2
— UAE Forsan (@UAE_Forsan) June 15, 2021
लैपिड ने भी यूएई के विदेश मंत्री से बातचीत कर खुशी जाहिर की. यायर लैपिड ने कहा, "मुझे संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री से बात करने में बहुत खुशी हुई और मैं अपने लोगों और पूरे मध्य पूर्व के फायदे लिए दोनों देशों के बीच मधुर और अद्वितीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं."
इससे पहले, बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद बिन ईसा अल खलीफा ने एक नई सरकार के गठन पर प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट और लैपिड को बधाई देते हुए एक बयान जारी किया. बहरीन के क्राउन प्रिंस ने उम्मीद जाहिर की कि नवगठित सरकार क्षेत्र और दुनिया में विकास, स्थिरता और शांति को आगे बढ़ाएगी.
इजरायल में नई सरकार के गठन पर फिलिस्तीनियों के प्रतिनिधियों ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. नेफ्टाली बेनेट के इजरायल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, फिलिस्तीनी पीएम मोहम्मद शतयेह ने कहा कि नेतन्याहू का शासन "इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के इतिहास में सबसे खराब दौर" था.
We warn of the dangerous repercussions that may result from the occupying Power's intention to allow extremist Israeli settlers to carry out the Flag March in occupied Jerusalem tomorrow, a provocation and aggression against our people/ Jerusalem and its sanctities that must end.
— Dr. Mohammad Shtayyeh د. محمد اشتية (@DrShtayyeh) June 14, 2021
शतयेह ने कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण नए प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट द्वारा इजरायली बस्तियों के समर्थन की निंदा करता है. शतयेह ने कहा, "अगर नई सरकार फिलिस्तीनी लोगों के भविष्य और उनके वैध अधिकारों को ध्यान में नहीं रखती है तो उसका कोई भविष्य नहीं है."
फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास के एक प्रवक्ता ने कहा, "यह इजरायल का एक आंतरिक मामला है. हमारा रुख हमेशा स्पष्ट रहा है. हम 1967 की तरह फिलिस्तीनी की सीमाओं का निर्धारण करना चाहते हैं जिसकी राजधानी यरुशलम है."
गाजा पट्टी पर शासन करने वाले चरमपंथी गुट हमास का कहना है कि इजरायल में कोई भी सत्ता में आए कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. हम अपने हक के लिए उनसे लड़ते रहेंगे. इजरायल में रविवार को नई सरकार का गठन हो गया जिसमें दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यमार्गी और इस्लामी पार्टी के सदस्य शामिल हैं. नेफ्टाली बेनेटे के पीएम बनने के बाद नेतन्याहू का 12 साल के कार्यकाल खत्म हो गया है.
बहरहाल, इजरायल के विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद लैपिड सोमवार को अपने कार्यालय पहुंचे. उन्होंने अब्राहम समझौते सहित अपनी राजनयिक प्राथमिकताओं के बारे में बताया जिसमें इज़रायल ने मोरक्को और सूडान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
लैपिड ने कहा, 'हमारा काम निश्चित रूप से इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना होगा. पिछले साल बहुत अच्छी चीजें हुई हैं. हमें उसे जारी रखने की जरूरत है जो अब्राहम समझौते से शुरू हुआ था. खाड़ी देशों, मिस्र और जॉर्डन के साथ शांति को मजबूत करने के लिए काम करना होगा.' लैपिड ने इजरायल के दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देते हुए कहा, हम इस क्षेत्र और अन्य देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए काम करेंगे. यह एक प्रक्रिया है, यह एक दिन में नहीं होगी, लेकिन विदेश मंत्रालय उन प्रयासों का समन्वय करेगा.
हाल के वर्षों में इजरायल और कुछ अरब देशों के साथ रिश्ते मजबूत हुए हैं. इसमें इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की बड़ी भूमिका रही है. पिछले साल 15 सितंबर को डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में खाड़ी क्षेत्र के दो देशों बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इज़रायल के साथ 'अब्राहम अकॉर्ड' (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर किए. अब्राहम अकॉर्ड इजरायल और अरब देशों के बीच पिछले 26 वर्षों में पहला शांति समझौता है. बाद में जॉर्डन, सूडान और मोरक्को भी इजरायल के साथ शांति के दिशा में आगे बढ़े.