अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) ने हाल ही में कहा है कि उसने महिलाओं के अधिकारों पर अपने रुख में ढील दी है. लेकिन तालिबानी हमले में जान बचाने वाली एक महिला ने बर्बरता की जो दास्तां सुनाई, उसने तालिबान के बयानों के उलट ही कहानी बयां की. उसने दावा किया कि तालिबानी सजा में महिलाओं को कुत्तों को खिलाया जाता है. (फोटो- REUTERS)
एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के गजनी प्रांत (Afghanistan Ghazni Province) में पिछले साल तालिबान लड़ाकों द्वारा 33 वर्षीय खतेरा (Khatera) को गोली मार दी गई थी. इस हमले में किसी तरह वो जिंदा बच गई. (फोटो- स्क्रीनग्रैब)
खतेरा ने बताया कि "तालिबान की नजर में, महिलाएं केवल मांस का पुतला हैं, जिनमें जान नहीं है. उन्हें बस मारा पीटा जाना है." पीड़िता ने बताया कि हमले के बाद उसकी आंखें निकाल ली गईं. वह नवंबर 2020 से दिल्ली में अपने इलाज के लिए अपने पति और बच्चे के साथ रह रही हैं.
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महिला ने बताया कि उसके पिता, तालिबान के एक पूर्व लड़ाके थे, जिन्होंने उस पर हमले की साजिश रची थी. खतेरा अफगानिस्तान की पुलिस में नौकरी करती थी. उसे तालिबान ने पिछले साल अक्टूबर में उस समय बुरी तरह पीटा था जब वह दो महीने की गर्भवती थी.
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नौकरी से घर वापस जाते समय उसे तीन तालिबान लड़ाकों ने रोक लिया. उन्होंने पहले उसकी आईडी की जांच की, फिर उसे कई गोली मारीं. उसे शरीर के ऊपरी हिस्से में आठ गोलियां लगीं और चारों तरफ चाकू से वार किए गए. जब वह बेहोश हो गई तो तालिबान ने उसकी आंखों में चाकुओं से वार किया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया.
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पीड़िता खतेरा कहती हैं, “वे (तालिबान) पहले हमें (महिलाओं को) प्रताड़ित करते हैं और फिर सजा के नमूने के रूप में दिखाने के लिए हमारे शरीर के साथ बर्बरता करते हैं. कभी-कभी हमारे शरीर को कुत्तों को खिलाया जाता है. मैं भाग्यशाली थी कि मैं इससे बच गई. अफगानिस्तान में तालिबान के अधीन रहना पड़ता है. कल्पना करना मुश्किल है कि वहां महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों पर क्या-क्या अत्याचार हुए हैं." (सांकेतिक फोटो- गेटी)
दिल दहला देने वाली घटना को याद करते हुए खतेरा ने कहा कि उनके लिए इलाज के लिए काबुल और फिर दिल्ली जाना संभव था क्योंकि उनके पास इसके लिए पैसे थे. लेकिन सबके पास ये मौका नहीं है. वहां महिलाएं और जो कोई भी तालिबान की बात नहीं मानता है, वह सड़कों पर मारा जाता है. (सांकेतिक फोटो- गेटी)