पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी फिलिस्तीन के पक्ष में दुनिया के देशों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हुए हैं. इसके लिए वह तुर्की के बाद अमेरिका पहुंच गए हैं. न्यूयॉर्क के लिए रवाना होने से पहले कुरैशी ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन से मुलाकात की और इजरायल के खिलाफ देशों को लामबंद करने की रणनीति पर चर्चा की. हालांकि, फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं बनने पर कुरैशी ने निराशा जाहिर की है. दरअसल, अमेरिका वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को साझा बयान जारी करने से तीन बार रोक चुका है.
(फोटो-ट्विटर/@SMQureshiPTI)
तुर्की में एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा है कि फिलिस्तीनियों लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं बन पाई, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सुरक्षा परिषद में अमेरिका की वीटो यानी असहमति के चलते इजरायल के खिलाफ निंदा को लेकर बयान जारी नहीं किया जा सका. कुरैशी के बयान को अमेरिका के रुख के खिलाफ माना जा रहा है.
Pakistan thanks Turkey for standing with us in the #FATF and appreciate Turkey’s re-energizing of the Afghan peace process.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) May 18, 2021
We look forward to the early convening of the Istanbul Conference on Afghanistan. https://t.co/Y6zkF4LTvg
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वीटो पावर के कारण कोई साझा बयान भी नहीं जारी किया जा सका. मगर अब संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से उम्मीद है. उन्होंने कहा कि ये सही बात है कि संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य देशों के पास वीटो पावर है लेकिन जनसमर्थन उस पर भारी पड़ेगा. जनशक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है. अगर जनसमर्थन से सरकारें बदल सकती हैं तो वीटो पावर वालों को भी विचार करना होगा. मैं ये कह रहा हूं कि लोग मानवाधिकारों पर भरोसा करते हैं. लोग ही सरकारों को फिर से सोचने पर मजबूर करेंगे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री अपने देश के संसद में भी सुरक्षा परिषद में इजरायल को लेकर सहमति न बनने पर निराशा जाहिर कर चुके हैं. इसके अलावा पाकिस्तान इजरायल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए चीन के प्रयास की सराहना भी कर चुके हैं.
Today in Parliament proud to present a resolution, unanimously adopted, in support of #Palestine, condemning Israeli’s unconscionable brutality & reaffirming 🇵🇰 support for a two-state solution, as enshrined in the relevant Security Council and General Assembly Resolutions. pic.twitter.com/8IQeCChvr7
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) May 17, 2021
वहीं गाजा में इजरायली बमबारी के खिलाफ दुनियाभर के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इजरायल के रवैये के खिलाफ यूरोपीय देशों से शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन पाकिस्तान की सड़कों तक पहुंच चुका है. पाकिस्तान के कराची शहर में बुधवार को पत्रकारों के साथ साथ नौजवानों और छात्रों ने इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन किया. पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने सीजफायर और गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायली हमले को फौरन बंद करने की मांग की.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पूरे पाकिस्तान में शुक्रिवार को इजरायल के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए लोगों से प्रदर्शन करने का आह्वान किया था. लेकिन कराची में उससे पहले हजारों लोग सड़क पर निकल आए और फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हमले का विरोध किया.
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इजरायल ने गुरुवार को भी गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक जारी रखी. इस हमले में एक फिलिस्तीनी की मौत हो गई और कई घायल हो गए. नेतन्याहू ने अमेरिकी दबाव के बावजूद चरमपंथी संगठन पर हमले जारी रखे हैं. इजरायली सेना ने बताया कि उन्होंने कम से कम हमास कमांडरों के चार घर उड़ा दिए जिसमें उनके हथियारों का एक स्टोरेज भी ध्वस्त हो गया.
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पाकिस्तानी नागरिकों ने शेख जर्राह सहित अल-अक्सा मस्जिद और फिलिस्तीनी बस्तियों पर कब्जे, उनकी बेदखली रोकने और इजरायली तबाही को तत्काल खत्म करने का आह्वान किया. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन का यह आइडिया सोशल मीडिया से आया. इसमें बड़ी संख्या में नागरिक, ज्यादातर कॉलेज के युवा, समाज के सभी तबकों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और इजरायल के हिंसा की निंदा की.
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प्रदर्शन में फिलिस्तीनियों पर हमले की निंदा करने वाली तख्तियां पकड़े हुए प्रदर्शनकारियों ने "नदी से समुद्र तक, फिलिस्तीन आजाद होगा" के नारे लगाए. इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन में अभूतपूर्व भीड़ देखने को मिली. किसी को भी इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी. प्रदर्शन के चलते कराची के ज़ैनब मार्केट, सदर और शाहीन कॉम्प्लेक्स के आसपास के इलाकों में घंटों जाम लगा रहा.
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कराची में रहने वाले नेहा मोहम्मद और उनके पति अब्दुल कलीम शेख भी अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों समेत इस प्रदर्शन में शामिल हुए. मोहम्मद ने कहा कि विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर जानकारी मिली, जिसके बाद वह यहां पहुंचे. फिलिस्तीन की स्थिति को बताते हुए उन्होंने कहा, “हम घर बैठे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे. फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं.”
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इंजीनियरिंग के छात्र मुर्तजा ने कहा, वह फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जे का अंत चाहते हैं. वह चाहते हैं कि दुनिया निर्दोष फिलिस्तीनियों को देखे और उनका समर्थन करे.
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कराची विश्वविद्यालय के छात्र नफीस ने कहा कि फिलिस्तीन में जो हो रहा है वह अमानवीय है. इसे खत्म किया जाना चाहिए. इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वालीं सना खान ने कहा कि वे सोशल मीडिया पोस्ट को ब्लॉक कर सकते हैं लेकिन लोगों को इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते रहने की जरूरत है.
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कराची प्रेस क्लब के महासचिव और जियो न्यूज के कराची ब्यूरो प्रमुख फहीम सिद्दीकी ने कहा कि फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता जाहिर करने के लिए काफी लोग आए. उन्होंने फिलिस्तीनियों के समर्थन में खड़े होने के कराची लोगों की भावना की सराहना करते हुए कहा कि दो दशकों से अधिक के अपने पेशेवर करियर में उन्होंने इतनी बड़ी गैर-राजनीतिक भीड़ कभी नहीं देखी.
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