scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

मोदी सरकार की इस नीति को बाइडेन प्रशासन ने बताया 'बड़ा चैलेंज'

biden and make in india
  • 1/9

मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' कैंपेन और व्यापार नीतियों को लेकर बाइडेन प्रशासन ने अपनी चिंता जाहिर की है. बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि भारत का 'मेक इन इंडिया' कैंपेन पर जोर देना अमेरिका-भारत के द्विपक्षीय व्यापार में बड़ी चुनौतियों को दर्शाता है.

india-us trade
  • 2/9

2021 के लिए व्यापार नीति पर आई रिपोर्ट में यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) ने कहा कि साल 2020 में अमेरिका की तरफ से भारतीय बाजार में पहुंच से जुड़े मुद्दों को सुलझाने की कोशिश जारी रखी गई. यूएसटीआर ने कहा कि भारत की व्यापार नीतियों से अमेरिकी निर्यातकों पर भी असर पड़ा है.
 

us-india trade
  • 3/9

यूएसटीआर ने सोमवार को कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा, "भारत अपने बड़े बाजार, आर्थिक वृद्धि और विकास के तमाम मौकों की वजह से तमाम अमेरिकी निर्यातकों के लिए जरूरी बाजार बन गया है. हालांकि, भारत की व्यापार को सीमित करने वाली नीतियों की वजह से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध में मौजूद संभावना कमजोर पड़ती जा रही है. भारत का 'मेक इन इंडिया' कैंपेन के जरिए आयात कम करने पर जोर देना हमारे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों की चुनौतियों को जाहिर करता है."

Advertisement
gsp
  • 4/9

5 जून 2019 को अमेरिका ने भारत के लिए 'जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेस' (जीएसपी) के तहत व्यापार में मिलने वाली विशेष तरजीह और छूट को खत्म कर दिया था. भारत को जीएसपी के फायदों से वंचित करने के बाद अमेरिका ने भारत के साथ बाजार में पहुंच और इसके नियमों को लेकर बातचीत की. साल 2020 में भी दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी रही.
 

us-india trade relation
  • 5/9

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका चाहता है कि भारत कई टैरिफ में कटौती करे और बाजार में अमेरिकी कंपनियों की पहुंच और सुलभ हो. इसके अलावा, गैर-टैरिफ बैरियर्स को लेकर भी कुछ विवाद हैं.
 

india-us ties
  • 6/9

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने साल 2020 में द्विपक्षीय व्यापार के तमाम मुद्दों को लेकर अपनी चिंताएं भारत के सामने रखीं. इसमें बौद्धिक संपदा सुरक्षा और क्रियान्वयन, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स और डिजिटल व्यापार को प्रभावित करने वाली नीतियां और कृषि और गैर-कृषि उत्पादों के बाजार में पहुंच जैसे मुद्दे शामिल थे.

make in india
  • 7/9

यूएसटीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन अमेरिकी सेवाओं के आयात के मामले में शीर्ष स्थान पर है. ब्रिटेन ने साल 2019 में अमेरिका से 62 अरब डॉलर की सेवाएं लीं. जबकि भारत (29.7 अरब डॉलर), इस मामले में कनाडा (38.6 अरब डॉलर) जापान (35.8 अरब डॉलर), जर्मनी (34.9 अरब डॉलर) और मेक्सिको (29.8) के बाद छठवें स्थान पर रहा. 
 

shipments
  • 8/9

यूएसटीआर ने कहा कि जुलाई 2020 में अमेरिका के ऐतराज जताने के बाद भारत ने लैक्टोज और व्हे प्रोटीन ला रहे जहाजों को रिलीज किया. भारत ने अप्रैल 2020 में उत्पादों के साथ डेयरी सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया था जिसके बाद कई अमेरिकी शिपमेंट रोक दी गई थीं.

india
  • 9/9

इस नियम से पहले, भारत में अमेरिका के लैक्टोज और व्हे प्रोटीन का निर्यात तेजी से बढ़ रहा था. यहां तक कि साल 2019 में लैक्टोज और व्हे प्रोटीन का निर्यात 5.4 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन साल 2020 में इन चीजों के निर्यात में भारी गिरावट आई और ये सिर्फ 3.2 करोड़ डॉलर तक सीमित रह गया.

Advertisement
Advertisement
Advertisement