चीन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. कोरोना वायरस से अब तक 900 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है. चीन में करीब 40,171 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं जबकि 187,518 लोग चिकित्सकों की निगरानी में हैं. इन सबके बीच, सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें कोरोना वायरस के मरीजों के साथ चीनी अधिकारी बदसलूकी करते हुए दिख रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें कोरोना वायरस के एक
संदिग्ध मरीज को एक डिब्बे में बंद कर ट्रक में रख दिया गया है. बॉक्स में
लॉक होने के बाद महिला की चीखें सुनाई पड़ती हैं.
महिला का पार्टनर उसे सांत्वना देने की कोशिश करता है लेकिन बॉक्स में लॉक होने के बाद महिला जोर-जोर से चिल्लाने लगती है. चीन प्रशासन संक्रमित लोगों को अलग जगहों पर रख रहा है ताकि बाकी लोगों में संक्रमण ना फैले.
एक अन्य वीडियो में चीनी पुलिस कोरोना वायरस से संक्रमित होने के शक में एक महिला को जबरन हिरासत में ले लेती है. महिला को उसकी कार से जबरन खींचकर बाहर निकाला जाता है. पुलिस अधिकारी बाद में उसे सड़क पर ही छोड़ देते हैं और फिर ट्रांसपोर्ट वैन आकर उसे ले जाती है.
सोशल मीडिया पर एक और वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें लोगों को उनके घरों से घसीटकर ले जाया जा रहा है. कई लोग इस दौरान जबरदस्त प्रतिरोध करते हैं.
इन लीक वीडियो से कुछ लोग इस नतीजे पर पहुंचने लगे हैं कि चीनी अधिकारी कोरोना वायरस के असर को दुनिया से छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. चीनी प्रशासन ने वायरस के केंद्र वुहान को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है.
कभी सबसे व्यस्त रहने वाले वुहान शहर में किसी भुतहे बंगले की तरह सन्नाटा पसरा हुआ है.
चीनी प्रशासन खतरनाक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद कठोर कदम उठा रहा है. कई अधिकारी घर-घर जाकर तलाशी ले रहे हैं और संक्रमित मरीजों को बाहर निकालकर उन्हें क्वैरेंटाइन सेंटर में ले जाकर बिल्कुल अलग-थलग कर दिया गया है.
चीन ने 1 करोड़ आबादी वाले शहर वुहान को पूरी तरह से बंद कर दिया है. लोगों को जबरन कैंप में तो ले जाया जा रहा है लेकिन वहां मेडिकल सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में वुहान के लोगों को अकेले बेसहारा छोड़ दिए जाने को लेकर डर सता रहा है.
हुबेई प्रांत के भीतर भले ही कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हों लेकिन चीन के दूसरे हिस्सों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है. यानी चीन के इस शहर को पूरी तरह से बंद करने का असर पड़ रहा है.
थर्ड पीपल्स हॉस्पिटल के डॉक्टर ने कहा, बड़ी आबादी के हित में यही अच्छा
है कि इनलोगों को अलग कर दिया जाए. कुछ लोग कह सकते हैं कि इस शहर की कुर्बानी दी गई लेकिन इसे फैलने से रोकने के लिए ये जरूरी कदम
था.
पेकिंग यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल के एक प्रोफेसर झांग कियानफन ने कहा, वायरस को फैलने से रोकने के लिए इन शहरों का लॉकडाउन जरूरी था लेकिन यहां पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं भी होनी चाहिए. लॉकडाउन का मतलब ये नहीं है कि इन शहर के लोगों को पूरी दुनिया से काट दिया जाए और उन्हें उनके हाल पर या मरने के लिए छोड़ दिया जाए.