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विश्व

राजीव गांधी का हवाला देकर विदेश मंत्री ने की चीन की तारीफ

राजीव गांधी का हवाला देकर विदेश मंत्री ने की चीन की तारीफ
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भारत-चीन के बीच भले ही सरहद पर तनाव चल रहा है लेकिन चीन के अन्य पहुलओं को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तारीफ की है. विदेश मंत्री ने सोमवार को चीन की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए कहा, "चीन की आर्थिक वृद्धि भारत से बहुत ज्यादा है. पिछले कुछ दशकों में चीन ने जिस तरह से आर्थिक, प्रशासनिक और सामाजिक सुधार किए हैं, उसके लिए उसे श्रेय दिया जाना चाहिए."
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उन्होंने सीएनबीसी के एक कार्यक्रम में कहा कि 32 साल पहले 1988 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चीन का दौरा किया था तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था का आकार करीब एक ही जैसा था. इससे पता चलता है कि तब से लेकर आज तक चीन की अर्थव्यवस्था ने कितनी तेजी से प्रगति की है.

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुटनिरपेक्षता की नीति पर कहा कि भारत अतीत की तरह भविष्य में कभी भी किसी गुट में शामिल नहीं होगा. एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका की स्थिति में बदलाव और चीन की आक्रामकता ने भारत, जापान, यूरोपीय यूनियन व कई अन्य देशों को बड़ी भूमिका में आने का मौका दिया है. जयशंकर ने ये भी माना कि आज की बहुध्रुवीय दुनिया में भी अमेरिका और चीन के बीच दोध्रुवीय व्यवस्था का तत्व मौजूद है.
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विदेश मंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन के बीच टकराव बढ़ा है और भारत की अमेरिका से नजदीकी बढ़ती नजर आ रही है. दूसरी तरफ, कोरोना वायरस महामारी, ट्रेड वॉर, हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान, वीगर और चीनी कंपनी हुआवे समेत तमाम मुद्दों को लेकर अमेरिका-चीन आमने-सामने हैं. लद्दाख से लेकर दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख की आलोचना करते हुए अमेरिका ने बयान भी जारी किए.
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जयशंकर ने स्पष्ट किया कि गुट निरपेक्षता आज भले ही पुराना सिद्धांत हो गया है लेकिन भारत कभी भी किसी गुट का हिस्सा नहीं बनेगा. उन्होंने कहा, गुट-निरपेक्षता टर्म एक खास युग और भू-राजनीतिक परिदृश्य को लेकर था लेकिन इसका एक पहलू था- स्वतंत्रता जो हमारे लिए आज भी अहमियत रखता है.
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अमेरिकी की वैश्विक व्यवस्था में बदलती स्थिति को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, अमेरिकी का दुनिया में पहले जितना प्रभाव था, अब वो कम हो गया है. इससे कई दूसरे देशों को स्वतंत्र भूमिका निभाने का मौका मिल रहा है. हालांकि, इससे हमें कोई खास फर्क नहीं पड़ा क्योंकि हम किसी गुट का हिस्सा ना कभी थे और ना ही कभी होंगे. लेकिन जो देश अमेरिका पर ज्यादा निर्भर थे, उन्हें एहसास हो रहा है कि तमाम मुद्दों पर अब उन्हें खुद ही फैसला करना पड़ेगा.
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया संरक्षणवादी वैश्विक अर्थव्यवस्था की तरफ आगे बढ़ रही है और कोरोना महामारी इस ट्रेंड को और बढ़ाएगी. मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ सालों में जितने भी ऐसे समझौते किए हैं, उससे भारत को फायदा नहीं हुआ है.
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