scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

अमेरिकी चुनाव: बीजेपी ने अपने सदस्यों को दी ये नसीहत, ट्रंप के लिए झटका?

ट्रंप का कैंपेन
  • 1/9

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है. रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियां इस वर्ग को लुभाने में जुटी हुई हैं. यहां तक कि रिपब्लिकन पार्टी अपने चुनावी कैंपेन में हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के विजुअल का भी इस्तेमाल कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय-अमेरिकियों से ट्रंप के लिए मतदान करने की अपील की थी. हालांकि, बीजेपी ने अमेरिका में बसे अपने सदस्यों से कहा है कि वे अपने चुनावी कैंपेन में पार्टी के नाम का इस्तेमाल ना करें बल्कि स्वतंत्र रूप से ही प्रचार करें. चाहे वो कैंपेन रिपब्लिकन्स के लिए हो या फिर डेमोक्रैट्स के लिए.
 

बीजेपी के नाम का ना करें इस्तेमाल
  • 2/9

बीजेपी के विदेश विभाग के इनचार्ज विजय चौथाईवाले ने ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (OFBJP) की अमेरिकी चैप्टर को पत्र लिखा है और किसी भी पार्टी के समर्थन में आधिकारिक तौर पर बीजेपी के नाम का इस्तेमाल करने से मना किया है.

बीजेपी की भूमिका नहीं
  • 3/9

चौथाईवाले ने बताया, हर नागरिक को संबंधित देशों की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अधिकार है. विदेशों में बीजेपी के सदस्य चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं लेकिन निजी तौर पर. अमेरिकी चुनाव में बीजेपी की इस तरह की कोई भूमिका नहीं है.
 

Advertisement
कमला हैरिस
  • 4/9

भारतीय और अफ्रीकन मूल की अमेरिकी सांसद कमला हैरिस के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने को लेकर चौथाईवाले ने कहा, स्वाभाविक रूप से हम खुश हैं कि भारतीय मूल का कोई शख्स अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े पद के लिए चुनाव लड़ रहा है. हालांकि, बीजेपी यहां पर निष्पक्ष भूमिका में रहना चाहती है. ये हमारे सदस्यों की पसंद पर निर्भर है क्योंकि ये उनका अधिकार है.

चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया
  • 5/9

उन्होंने कहा, हमें यकीन है कि कोई भी चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है. भारत और अमेरिका के गहरे रणनीतिक संबंध हैं जिसे दोनों देशों के लोगों का समर्थन हासिल है.
 

कैंपेन में मोदी-ट्रंप की फुटेज
  • 6/9

बीजेपी की अमेरिका में अपने सदस्यों से ये अपील ऐसे वक्त में आई है जब रिपब्लिकन पार्टी के कैंपेन में अमेरिका और भारत में मोदी और ट्रंप की साथ-साथ की गई रैलियों के विजुअल दिखाए जा रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के कैंपेन के वीडियो टाइटल 'चार साल और' की शुरुआत ही मोदी और ट्रंप की फुटेज के साथ होती है. इसमें ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में मोदी और ट्रंप हाथ में हाथ डाले दिख रहे हैं. पिछले साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था और ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम को संबोधित किया था.

भारतीय-अमेरिकियों के बीच सर्कुलेट हो रहा वीडियो
  • 7/9

इस वीडियो में पीएम मोदी कहते हैं कि ट्रंप को किसी परिचय की जरूरत नहीं है और उनका नाम लगभग हर बातचीत में आ ही जाता है. ये वीडियो भारतीय-अमेरिकियों के बीच काफी सर्कुलेट किया जा रहा है. वीडियो में मोदी, ट्रंप और मेलानिया ट्रंप भीड़ का अभिवादन स्वीकार करते दिख रहे हैं. ये फुटेज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फरवरी महीने में किए गए भारत दौरे का है.
 

ट्रंप ने कहा- भारतीयों का पूरा समर्थन
  • 8/9

'चार साल और' वीडियो को लेकर जब पिछले सप्ताह ट्रंप से व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, हमें भारत से बहुत समर्थन मिल रहा है. हमें प्रधानमंत्री मोदी का भी समर्थन है. मुझे लगता है कि भारतीय-अमेरिकी ट्रंप को ही वोट देंगे. कोरोना वायरस महामारी की वजह से अमेरिका में मची तबाही का असर ट्रंप के चुनावी कैंपेन पर भी पड़ रहा है. अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा बुरी तरह प्रभावित हुआ है. डेमोक्रेटिक पार्टी अपने चुनावी कैंपेन में कोरोना को लेकर ट्रंप पर हमलावर है.

रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक?
  • 9/9

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने जब से रनिंग मेट (उपराष्ट्रपति उम्मीदवार) के तौर पर सीनेटर कमला हैरिस का चयन किया है, अमेरिकी चुनाव और दिलचस्प हो गया है. कमला हैरिस की भारतीय-अमेरिकियों के युवा समूह में लोकप्रियता है. हालांकि, तमाम भारतीय-अमेरिकी जो बाइडन और कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी के रुख को भारत विरोधी मानते हैं. जो बाइडन ने चुनाव से पहले "मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा" प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने और CAA मुद्दे को लेकर भारत की आलोचना की. इसके उलट, रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर के घटनाक्रम पर धीमे सुर में सवाल उठाने के अलावा भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करते रहे हैं. हालांकि, बाइडन ने भी बार-बार दोहराया है कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के साथ संबंध और मजबूत करेंगे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement