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विश्व

कोरोना की त्रासदी के बीच PAK पर टूटा मुसीबत का एक और पहाड़

कोरोना की त्रासदी के बीच PAK पर टूटा मुसीबत का एक और पहाड़
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कोरोना वायरस की चुनौती से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने अब एक और नई मुश्किल पैदा हो गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत दी जाने वाली तीसरी किस्त को लेकर फैसला टाल दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान कर्ज के लिए आईएमएफ की शर्तों को भी पूरा नहीं कर पाया है. 

कोरोना की त्रासदी के बीच PAK पर टूटा मुसीबत का एक और पहाड़
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आईएमएफ से फंड मिलने में हो रही देरी से पाकिस्तान की चुनौतियां और बढ़ सकती हैं. कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पहले ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच चुका है. आर्थिक संकट के डर से पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने देश में लॉकडाउन करने से भी इनकार कर दिया था.
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पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ फिलहाल 6 अरब डॉलर के पैकेज के तहत कर्ज की मंजूरी के पाकिस्तान के अनुरोध पर विचार नहीं करेगा. कर्ज की तीसरी किस्त की मंजूरी को लेकर 6 मार्च को समीक्षा बैठक होनी थी लेकिन आईएमएफ ने उसे 10 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था. आईएमएफ से पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के पैकेज के तहत तीसरी किस्त में 45 करोड़ डॉलर का कर्ज मिलना था.
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चीन, सऊदी अरब और यूएई से भारी-भरकम कर्ज लेने के बाद पाकिस्तान ने आईएमएफ का दरवाजा खटखटाया था. दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को आईएमएफ ने पिछले साल जुलाई महीने में 6 अरब डॉलर देने पर सहमति जताई थी. इसके साथ ही, पाकिस्तान की सरकार के सामने आर्थिक सुधार लागू करने की शर्त भी रखी थी.
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आईएमएफ का कहना है कि फिलहाल वह कोरोना संकट के मद्देनजर पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर की आपातकालीन आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने आईएमएफ के प्रतिनिधि तेरेसा डबान सैंचेज के हवाले से लिखा है, आईएमएफ की प्राथमिकता पाकिस्तान को रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट के जरिए आर्थिक मदद दिलाने पर है. आईएमएफ की टीम और पाकिस्तानी अधिकारी आपातकालीन कर्ज की मंजूरी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
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25 मार्च को इमरान खान के वित्तीय सलाहकार हाफिज शेख ने बताया था कि पाकिस्तान ने आईएमएफ से कोरोना वायरस की महामारी के आर्थिक संकट से निपटने के लिए 1.4 अरब डॉलर देने का अनुरोध किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने ये भी बताया था कि यह मदद 6 अरब डॉलर के कर्ज से अलग होगी. इसके अलावा, उन्होंने विश्व बैंक से भी पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिलने की बात कही थी. हालांकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उनके मंत्रालय को 10 अप्रैल की बैठक को लेकर आईएमएफ के किसी फैसले की जानकारी नहीं है.
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कोरोना वायरस की त्रासदी की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है. यूएन कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड ऐंड डिवलेपमेंट (यूएनसीटीएडी) के मुताबिक, पाकिस्तान जैसे विकासशील देशों को कोरोना महामारी के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है. भारी कर्ज और आर्थिक मंदी के साथ मिलकर कोरोना वायरस की महामारी पाकिस्तान, अर्जेंटीना और अफ्रीकी देशों के लिए बहुत ही डरावना संकट लेकर आएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों की अर्थव्यवस्था को निर्यात में गिरावट, महंगाई दर कम होने और मुद्रा अवमूल्यन की वजह से बड़ा झटका लगेगा. यह आर्थिक संकट 2008 के आर्थिक संकट से ज्यादा बुरा होगा.
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पाकिस्तान में इस वक्त भुखमरी और बेरोजगारी चरम पर है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लॉकडाउन ना करने के फैसले की आलोचना पर कहा था कि वह कोरोना वायरस से पहले लोगों को भुखमरी और गरीबी से नहीं मरने दे सकते. पाकिस्तान की सरकार ने कोरोना वायरस के आर्थिक संकट से निपटने के लिए 1.2 ट्रिलियन रुपये की आर्थिक योजना पेश की है.
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इस योजना के तहत, सरकार अगले चार महीनों के लिए बेनजीर आय सहायता राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह कर देगी. इसके अलावा, कारोबारियों की मदद के लिए भी 100 अरब रुपये खर्च किए जाएंगे. हालांकि, इस योजना की फंडिंग के लिए भी पाकिस्तान को विश्व मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक का ही सहारा है.
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कोरोना की त्रासदी के बीच PAK पर टूटा मुसीबत का एक और पहाड़
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पाकिस्तान को कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है. पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी चिंता जताई जा रही है. अगर आंशिक तौर पर लागू लॉकडाउन असरदार साबित नहीं होते हैं तो पाकिस्तान का हेल्थकेयर सिस्टम इसे संभाल नहीं पाएगा. पाकिस्तान अपनी जीडीपी का महज 2.4 फीसदी ही स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करता है.
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हालांकि, इस मुश्किल वक्त में चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है. चीन ने पाकिस्तान के हेल्थकेयर सिस्टम को दुरुस्त करने में मदद की है. 25 मार्च को चीन ने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर मेडिकल सप्लाई भेजी. चीन की ओर पाकिस्तान भेजे गए सामान की लागत 6.7 करोड़ रुपये की है. इनमें पांच लाख सर्जिकल मास्क, 50 हजार टेस्टिंग किट्स, 15 हजार प्रोटेक्टिव सूट्स और 50 हजार N96 रेसिपिरेटर्स हैं.
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