भारत सरकार के चीनी ऐप पर बैन के फैसले को लेकर चीन से लगातार प्रतिक्रिया आ रही हैं. चीन ने कहा है कि द्विपक्षीय सहयोग में कृत्रिम रुकावटों से भारत के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा है कि बीजिंग भारत
में चीनी कारोबार के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा. बता दें कि लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने
राष्ट्रीय सुरक्षा और निजता को खतरा बताते हुए टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप बैन
कर दिए थे.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने न्यूज ब्रीफिंग के दौरान कहा कि दोनों देशों को सीमाई इलाके में शांति कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को लेह का दौरा किया. पीएम मोदी ने कहा कि अब विस्तारवादी युग खत्म हो चुका है.
इससे पहले, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी ऐप पर बैन को भेदभावपूर्ण करार दिया था. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि ये बैन विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है. हालांकि, बीजिंग भारतीय उत्पादों या भारतीय सेवाओं को लेकर कोई प्रतिबंध या भेदभावपूर्ण कदम नहीं उठाएगा.
मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा था, चीन-भारत की सफल आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी दोनों पक्षों की सरकारों और एंटरप्राइजेज की कोशिशों का नतीजा है और दोनों देशों के लोगों के हितों की पूर्ति करता है.
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत के इस कदम से चीनी
निवेशकों और कारोबारियों का आत्मविश्वास कमजोर हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के ऐप बैन के फैसले के पीछे
राजनीतिक मकसद छिपा हुआ है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा था कि भारत-चीन के बीच कई बार सीमा विवाद हुआ है लेकिन दोनों देशों के बीच कभी आर्थिक युद्ध नहीं छिड़ा था.