तालिबान की बढ़त के बीच अफगानिस्तान के कार्यवाहक वित्त मंत्री खालिद पायंडा ने इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया है. तालिबान सशस्त्र गुट के एक सप्ताह से भी कम समय में अफगानिस्तान की एक चौथाई से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के बीच वित्त मंत्री ने यह कदम उठाया है.
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ब्लूमबर्ग मीडिया नेटवर्क के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यवाहक वित्त मंत्री खालिद पायंडा ने इस्तीफा दे दिया है. प्रमुख सीमा शुल्क चौकियों पर तालिबान के कब्जे के बाद मंत्री ने देश छोड़ दिया है. खालिद पायंडा ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की पुष्टि की है.
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Today I stepped down as the Acting Minister of Finance. Leading MoF was the greatest honor of my life but it was time to step down to attend to personal priorities. I’ve put Mr. Alem Shah Ibrahimi, Deputy Minister for Revenue & Customs in charge until a new Minister is appointed.
— Khalid Payenda (@KhalidPayenda) August 10, 2021
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफी ताबे ने ब्लूमबर्ग को बताया कि पायंडा ने इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया है क्योंकि अफगानिस्तान के सीमा शुल्क चौकियों पर तालिबान के कब्जे के बाद राजस्व में भारी गिरावट आई है.
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मोहम्मद रफी ताबे ने कहा कि बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और अपनी बीमार पत्नी के चलते भी पायंडा ने देश छोड़ दिया. यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि पायंडा कहां गए हैं. पूर्व मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि वह अपना पद छोड़ रहे हैं लेकिन इसके लिए कोई कारण नहीं बताया.
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तालिबान ने शुक्रवार के बाद से अफगानिस्तान में नौ प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है, जिनमें फैजाबाद, फराह, पुल-ए-खुमरी, सर-ए-पुल, शेबरगान, ऐबक, कुंदुज, तालुकान और जरंज शामिल हैं.
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इस बीच, तालिबान ने अफगानिस्तान में बदख्शां प्रांत की राजधानी फैजाबाद पर भी कब्जा कर लिया है. स्थानीय सांसद जबीहुल्लाह अतीक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि कई दिनों तक चली भारी झड़पों के बाद सुरक्षा बल शहर से पीछे हट गए. इसके बाद तालिबान ने शहर पर कब्जा कर लिया.
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उत्तरी प्रांतों में चुनौतीपूर्ण सुरक्षा स्थिति के बीच राष्ट्रपति गनी बुधवार सुबह बल्ख प्रांत के मजार-ए-शरीफ शहर पहुंचे. गनी के सुरक्षा और राजनीतिक मामलों के सलाहकार मोहम्मद मोहकक़ और मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर जुमा खान हमदर्द यात्रा में राष्ट्रपति के साथ हैं. टोलो न्यूज के मुताबिक, मंगलवार रात पूर्व उप राष्ट्रपति मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम ने भी मजार-ए-शरीफ की यात्रा की. एक अधिकारी ने बताया कि मरजार-ए-शरीफ में मार्शल दोस्तम, पूर्व बल्ख गवर्नर अत्ता मोहम्मद नूर और प्रांत के सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में सुरक्षा बैठक होने वाली है.
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एक सूत्र ने बताया कि बैठक रक्षा और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय और सार्वजनिक विद्रोही बलों को जुटाने और तालिबान के कब्जे से शहरों में मुक्त कराने के अभियान शुरू करने पर केंद्रित होगी.
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अमेरिकी शांति दूत जालमय खलीलजाद ने मंगलवार को तालिबान को चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान में बंदूक की नोंक पर सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं दी जाएगी. देश के उत्तर में दसियों हज़ार लोग अपने शहरों और गांवों में फैली लड़ाई से बचने के लिए अपने घर छोड़कर भाग गए हैं. हजारों परिवार राजधानी काबुल पहुंच रहे हैं जिन्होंने पार्कों और गलियों को अपना रैन बसेरा बना लिया है.
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