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TMC ने किया 3 TV चैनलों का बहिष्कार, बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने का लगाया आरोप 

टीएमसी ने तीन टीवी चैनलों पर अपनी पार्टी के प्रवक्ता न भेजाने का फैसला किया है. पार्टी ने इन टीवी चैनलों पर बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है और कहा कि चैनल "दिल्ली के जमींदारों को खुश करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर, कंपनियां जांच और चल रहे प्रवर्तन मामलों का सामना कर रहे हैं."

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CM ममता बनर्जी. (फाइल फोटो)
CM ममता बनर्जी. (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप में तीन समाचार चैनलों के बहिष्कार को करने की बात कही है. टीएमसी ने इन समाचार चैनलों पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में प्रदर्शन के बीच टीएमसी ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के आरोप लगाया है.

टीएमसी ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे चर्चा के लिए बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने वाले तीन चैनलों पर अपनी पार्टी के प्रवक्ता को नहीं भेजेंगे. पार्टी ने आरोप लगाया कि चैनल "दिल्ली के जमींदारों को खुश करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर, कंपनियां जांच और प्रवर्तन मामलों का सामना कर रहे हैं."

'बंगाल के लोगों ने प्रोपेगेंडा को किया खारिज'

इसमें लोगों से यह भी अपील की गई है कि वे डिबेट के दौरान इन चैनलों पर पार्टी समर्थकों या समर्थकों के रूप में पेश किए गए लोगों को गुमराह न करें. बयान में कहा गया है कि ये लोग पार्टी द्वारा अधिकृत नहीं हैं और ये पार्टी के आधिकारिक रुख के प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. बंगाल के लोगों ने इस अपवित्र विरोधी नेक्सस को लगातार खारिज किया है और हमेशा प्रोपेगेंडा के बजाए सच्चाई को चुना है.

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BJP-TMC आमने-सामने

वहीं, इस मामले को लेकर ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं. भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं, जिससे पश्चिम बंगाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है.

इसके इतर टीएमसी ने बीजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया है और उन्होंने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ममता बनर्जी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है. साथ ही टीएमसी ने बीजेपी के बंगाल बंद के विरोध में तीन दिवसीय प्रदर्शन का ऐलान किया था और बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर  आरोपी के लिए फांसी की सजा और मौजूदा कानूनों में संशोधन करने का ऐलान किया था.

बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में पीजी मेडिकल की द्वितीय वर्ष की एक छात्रा के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. पुलिस इस मामले में आरोपी संजय रॉय और कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है.

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