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पश्चिम बंगाल में जमा नहीं हुए 10 लाख SIR फॉर्म, मतदाता सूची से हट सकते हैं नाम

पश्चिम बंगाल में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के दौरान अब तक 10 लाख से ज्यादा फॉर्म जमा नहीं हो पाए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल के अनुसार ये फॉर्म उन मतदाताओं से जुड़े हैं जो या तो अनुपस्थित, मृत, डुप्लीकेट या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं. राज्य में अब तक 4.55 करोड़ फॉर्मों का संग्रह और डिजिटलीकरण हो चुका है.

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(Photo: Representational)
(Photo: Representational)

पश्चिम बंगाल में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान 10.33 लाख फॉर्म ऐसे पाए गए हैं जिन्हें कलेक्ट नहीं किया जा सका. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि ये फॉर्म उन मतदाताओं से जुड़े हैं जो या तो घर पर नहीं मिले, दोहरी एंट्री में शामिल थे, मृत थे या स्थायी रूप से कहीं और चले गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक वितरित किए गए कुल फॉर्मों में से ये 1.35% हैं.

अब तक कितने फॉर्म जमा हुए?
CEO के अनुसार सोमवार शाम 4 बजे तक कुल 4.55 करोड़ फॉर्म का संग्रह और डिजिटलीकरण किया जा चुका है. राज्य में कुल 7.64 करोड़ फॉर्म वितरित किए गए थे, जिनमें से बड़ी संख्या बूथ-लेवल अधिकारियों (BLOs) द्वारा एकत्र की जा चुकी है. अग्रवाल ने इस प्रक्रिया में BLOs की भूमिका की सराहना की और उन्हें इस अभियान के 'रियल हीरो' बताया.

BLOs कर रहे कड़ी मेहनत
उन्होंने बताया कि 4 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान में सिर्फ 20 दिनों में BLOs ने 7 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच बनाई है. राज्य में 80,600 से अधिक BLOs, 8,000 सुपरवाइज़र, 3,000 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और 294 मुख्य पंजीकरण अधिकारी इस प्रक्रिया में लगे हुए हैं. कई BLOs कार्यालय समय के बाद भी घर-घर जाकर काम कर रहे हैं.

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नेटवर्क समस्या का समाधान
इंटरनेट समस्याओं को लेकर शिकायतों पर अधिकारियों ने बताया कि DM, ERO और BDO कार्यालयों में हेल्पडेस्क बनाए गए हैं. जहां नेटवर्क की कमी है, वहां अलग से वाईफाई हब स्थापित किए गए हैं, ताकि फॉर्मों की ऑन-लाइन एंट्री में दिक्कत न हो.

बीमार या दिवंगत BLOs के लिए व्यवस्था
CEO ने कहा कि यदि कोई BLO बीमार पड़ता है तो उसकी चिकित्सा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है. जरूरत पड़ने पर ERO वैकल्पिक BLO भी नियुक्त कर सकते हैं. अब तक SIR प्रक्रिया के दौरान तीन BLOs की मौत हुई है, जिनकी रिपोर्ट आयोग को भेजी जाएगी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा SIR में संविदा कर्मियों को डेटा एंट्री से रोकने के विरोध पर CEO ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार संविदा कर्मियों को शामिल नहीं किया जा सकता. वहीं निजी आवासीय परिसरों में बूथ बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग का नीति-स्तरीय निर्णय है.

कौन-कौन से जिले आगे?
SIR की प्रगति में पूर्व बर्धमान, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर, मालदा और पूर्व मेदिनीपुर शीर्ष पर हैं. गोसाबा विधानसभा क्षेत्र को 100% काम पूरा करने पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का दर्जा दिया गया है.

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